News Room Post

मुस्लिम देशों ने दिया झटका, भारत के खिलाफ पाकिस्तान की एक और चाल नाकामयाब

नई दिल्ली। भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर घेरने की सारी कोशिशें पाकिस्तान की नाकामयाब हो रही हैं। पाकिस्तान लगातार इस कोशिश में लगा है कि वह दुनिया के देशों को समझा बुझाकर किसी तरह भारत के खिलाफ कर दे। लेकिन अब पाकिस्तान जिनको अपना सबसे बड़ा हितैषी मानता है वही देश उसे झटका देने लगे हैं।

संयुक्त राष्ट्र में इस्लामोफोबिया पर इस्लामिक सहयोग संगठन के राजदूतों का एक अनौपचारिक समूह बनाने की पाकिस्तान की मुहिम को मुस्लिम देशों ने ही खारिज कर दिया।

पाकिस्तानी अखबार डॉन के खबर की मानें तो सूत्रों के हवाले से उसने लिखा है कि, संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि मुनीर अकरम ने इस्लामिक सहयोग संगठन के प्रतिनिधियों की वर्चुअल बैठक में इस्लामोफोबिया का मुद्दा उठाया और एक समूह बनाने की मांग की। लेकिन यूएई और मालदीव ने पाकिस्तान के प्रस्ताव को खारिज कर दिया।

यह इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के सदस्य देशों की नियमित बैठक थी। पाकिस्तानी राजदूत ने भारतीय मुसलमानों और कश्मीर को लेकर चिंता जाहिर की और कहा कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के हाथों इनका उत्पीड़न हो रहा है।

पाकिस्तानी प्रतिनिधि मुनीर अकरम ने बैठक में कहा, भारत में कोरोना वायरस की महामारी के दौरान इस्लामोफोबिया और ज्यादा खुलकर सामने आया है। कश्मीर में गैर-कश्मीरियों को बसने की अनुमति देने के फैसले का जिक्र करते हुए पाकिस्तानी दूत ने कहा कि मोदी सरकार वहां की जनसांख्यिकी बदलने की कोशिश कर रही है।

अकरम तमाम आरोप लगाने के बाद ही नहीं रुके बल्कि उन्होंने ओआईसी सदस्य देशों को आगाह भी किया कि वे भारत से धोखा ना खाएं। पाकिस्तानी राजदूत ने भारत पर तमाम आरोप लगाते हुए इस्लामोफोबिया को काउंटर करने के लिए ओआईसी देशों का एक समूह बनाने की भी बात कही।

वहीं पाकिस्तान के इस प्रस्ताव का मालदीव ने खुलकर विरोध किया। मालदीव मीडिया के मुताबिक, मालदीव के राजदूत थिलमीजा हुसैन ने भारत को अलग से निशाने पर लेने का विरोध किया और कहा कि दिल्ली पर इस्लामोफोबिया का आरोप लगाना तथ्यात्मक रूप से सही नहीं होगा। इससे दक्षिण एशिया की धार्मिक सौहार्दता को भी नुकसान पहुंचाएगा।

वहीं, बैठक की अध्यक्षता कर रहे यूएई के राजदूत ने भी पाकिस्तान के अनुरोध को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि इस्लामोफोबिया पर अनौपचारिक समूह बनाने का फैसला सदस्य देशों के विदेश मंत्री ही ले सकते हैं। यूएई और मालदीव ने भारत के पक्ष में खड़े होकर पाकिस्तान की एक और मुहिम नाकाम कर दी।

Exit mobile version