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भारतीय रेलवे 125 दिनों में 1800 करोड़ खर्च कर 8 लाख लोगों को देगा रोजगार

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीब कल्याण रोजगार अभियान की शुरुआत की है, जिसके तहत 6 राज्यों के 116 जिलों के प्रवासी श्रमिकों को काम दिया जाएगा। श्रमिकों को 125 दिनों के लिए रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा, जिसे मिशन मोड में चलाया जाएगा। इसके लिए सरकार ने 50 हजार करोड़ रुपए का इंतजाम किया है।

इसी के तहत भारतीय रेलवे ने 31 सितंबर, 2020 तक अगले 125 दिनों में 1800 करोड़ रुपये की लागत के प्रवासियों और अन्य लोगों के लिए रोजगार के अवसर के 8 लाख श्रमिकों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।

इन राज्यों का चयन

बता दें इस योजना के लिए जिन 6 राज्यों का चयन किया गया है, उनमें मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार, ओडिशा और झारखंड शामिल हैं। ये वे राज्य हैं, जहां लॉकडाउन के दौरान सबसे अधिक संख्या में मजदूरों ने पलायन किया है। इन राज्यों में भी जिलेवार चयन किया गया है।

ये होंगे जरूरी कागज और शर्तें

-इस योजना का लाभ लेने वाला नागरिक उसी राज्य का होना चाहिए जहां योजना क्रियान्वित है।

– व्यक्ति के पास आधार कार्ड होना भी अनिवार्य है।

– काम पाने वाले नागरिक को अपना निवास प्रमाण पत्र भी दिखाना होगा।

– इस योजना के तहत सिर्फ 18 साल से अधिक लोगों को ही काम दिया जाएगा।

– कामगारों को उनके स्किल के अनुसार दिया जाएगा काम।

इस अभियान के तहत 6 राज्यों के 116 जिलों का चयन किया गया है। ये वे जिले हैं, जहां सबसे अधिक प्रवासी श्रमिक वापस आए हैं। इनमें बिहार के 32 जिले, उत्तर प्रदेश के 31 जिले, मध्य प्रदेश के 24 जिले, राजस्थान के 22 जिले, ओडि़शा के 4 और झारखंड के 3 जिले शामिल हैं। इस अभियान के तहत ग्रामीण विकास, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, पंचायती राज, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, रेलवे, नई और नवीकरणीय ऊर्जा, खान, पेयजल और स्वच्छता, पर्यावरण, सीमा सड़क, दूरसंचार और कृषि के क्षेत्र में श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा।

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