नई दिल्ली। वारिस पंजाब दे संगठन का मुखिया और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह भगोड़ा घोषित कर दिया गया है। पंजाब पुलिस की टीमें उसे गिरफ्तार करने की कोशिश कर रही हैं। पंजाब पुलिस के सूत्रों के मुताबिक शनिवार को अमृतपाल को जब घेरा गया था, तो वो कार में बैठा था। बाद में बाइक पर बैठकर वो फरार होते देखा गया। इस बीच, अमृतपाल सिंह के करीबियों पर पंजाब पुलिस का एक्शन जारी है। उसके 78 समर्थकों को गिरफ्तार किया गया है। तमाम अन्य हिरासत में लिए गए हैं। हथियार और गाड़ियां बरामद की गई हैं। देर रात पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह के फाइनेंसर दलजीत कलसी को हरियाणा के गुरुग्राम से गिरफ्तार कर लिया। इसके साथ ही अब खुफिया सूत्रों के हवाले से अमृतपाल सिंह के बारे में एक और चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है।
खुफिया सूत्रों के हवाले से न्यूज चैनल ‘आजतक’ ने जानकारी दी है कि अमृतपाल सिंह, पाकिस्तान खुफिया एजेंसी आईएसआई का एजेंट है। उसे आईएसआई ने दुबई में रहते ही अपने साथ जोड़ा था। एक्टर दीप सिद्धू की मौत के बाद आईएसआई ने मौका पाकर अमृतपाल सिंह को पंजाब भेजा और वहां युवाओं का ब्रेनवॉश करने का जिम्मा सौंपा। वारिस पंजाब दे संगठन को दीप सिद्धू ने ही तैयार किया था। अमृतपाल सिंह को आईएसआई ने दुबई से भेजा ताकि पंजाब में एक बार फिर दहशतगर्दी का दौर लौटाया जा सके। बताया जा रहा है कि खुफिया एजेंसियों को सबूत मिले हैं कि आईएसआई से अमृतपाल सिंह को फाइनेंस भी किया जा रहा था। इसी सिलसिले में अब उसके फाइनेंसर से पूछताछ कर हकीकत जानने की तैयारी है।
पंजाब के चप्पे-चप्पे पर राज्य पुलिस के अलावा केंद्रीय सुरक्षाबलों की तैनाती है। पुलिस की टीमें अमृतपाल और उसके करीबियों को गिरफ्तार करने की कोशिश में जुटी हैं। इंटरनेट बंद किया गया है। इसके अलावा हरियाणा से लगती सीमा पर भी पंजाब पुलिस चौकसी बरत रही है। पुलिस का दावा है कि अगले कुछ घंटों में अमृतपाल सिंह को हर हाल में तलाश लिया जाएगा। उसे आखिरी बार नकोदर के पास देखा गया था। फिलहाल पंजाब पुलिस ने और कोई जानकारी साझा नहीं की है।