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जोर जबरदस्ती से कुछ हासिल नहीं हुआ तो अब हाईकोर्ट की शरण मे पहुंचा जेएनयू छात्रसंघ

नई दिल्ली। आखिरकार जेएनयू छात्रसंघ कानून के रास्ते पर आ गया है। इससे पहले छात्रसंघ से जुड़े विद्यार्थियों ने जमकर शोर शराबा, तोड़फोड़ और यहां तक मारपीट भी की कि छात्र एडमिशन के लिए रजिस्ट्रेशन न करा सकें मगर इन सबके बावजूद अधिकतर छात्रों ने अपना रजिस्ट्रेशन करा लिया है। इसके बाद जेएनयू छात्रसंघ को समझ आ गयी।

अब छात्रसंघ जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में न‌ए होस्टल मेनुअल और फीस बढ़ोतरी को चुनौती देने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचा है। जेएनयूएसयू अध्यक्ष आइशी घोष, उपाध्यक्ष साकेत मून और अन्य सदस्यों द्वारा यह याचिका दायर की गई है।

छात्रसंघ ने अपनी याचिका में कहा है कि उससे बिना फीड बैक लिए ही विश्वविद्यालय प्रशासन ने अक्टूबर में फीस के नए नियम लागू कर दिए। याचिका में मांग की गयी है कि प्रशासन को पुराने नियम और फीस के तहत ही न‌ए एडमिशन देने का निर्देश दिया जाए।

इस बीच जेएनयू के कुलपति प्रो एम जगदीश कुमार ने जानकारी दी है कि जेएनयू के कुल 8500 छात्रों में से 82 फीसद छात्रों यानी 6,970 छात्रों ने सोमवार तक शीतकालीन सेमेस्टर के लिए पंजीकरण करा लिया है। कुलपति ने उम्मीद जताई है कि बाकी बचे हुए अन्य छात्र भी जल्द ही अपने पंजीकरण की प्रक्रिया को पूरा कर लेंगे। जेएनयू में अभी भी इस सेमेस्टर के पंजीकरण के लिए प्रक्रिया जारी है।

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