नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में फिर बवाल सामने आया है। बताया जा रहा है कि रविवार को विश्वविद्यालय में फीस बढ़ोतरी को लेकर आंदोलन कर रहे छात्रों को पीटे जाने का मामला सामने आया है। जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष बुरी तरह घायल हो गई हैं। रिपोर्ट के अनुसार, बुरी तरह घायल जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आयशी घोष ने कहा, ‘ मुझे मास्क पहने गुंडों ने बेरहमी से मारा है। मेरा खून बह रहा है। मुझे बेरहमी से पीटा गया।’
लेकिन अब एक वीडियो जारी किया गया है जिसमें आयशी घोष नकाबपोश लोगों के साथ नजर आ रही हैं। ऐसे में इस मामले में पूरी तरह से संशय की स्थिति बनी हुई है। जबकि एबीवीपी की तरफ से इस बात को लेकर वाम छात्र संगठन पर आरोप लगाया जा रहा है कि इस हिंसा के पीछे इन्हीं छात्र संगठनों का हाथ है। वहीं वाम छात्र संगठन भी इस बात को लेकर एबीवीपी और केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे हैं।
लेकिन इस सब के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी का बयान भी आया है उन्होंने जेएनयू की इस हिंसा के लिए केंद्र सरकार को घेरते हुए बेतुका बयान सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जेएनयू में रविवार रात हुई हिंसा पर निराशा जाहिर की और कहा कि यह उस डर को दिखाती है जो ‘हमारे देश को नियंत्रित कर रही फासीवादी ताकतों को’ छात्रों से लगता है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘नकाबपोश लोगों द्वारा जेएनयू छात्रों और शिक्षकों पर किया गया नृशंस हमला चौंकाने वाला है जिसमें कई गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। हमारे देश को नियंत्रित कर रही फासीवादी ताकतें, बहादुर विद्यार्थियों की आवाज से डरती हैं। जेएनयू में आज हुई हिंसा उस डर को दर्शाती है।’
The brutal attack on JNU students & teachers by masked thugs, that has left many seriously injured, is shocking.
The fascists in control of our nation, are afraid of the voices of our brave students. Today’s violence in JNU is a reflection of that fear.
#SOSJNU pic.twitter.com/kruTzbxJFJ
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 5, 2020
वहीं कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा कि जेएनयू में हिंसा पूर्वनियोजित थी और इसमें जेएनयू प्रशासन की भी संलिप्तता थी। नकाबपोश गुंडे बीजेपी के थे। दिल्ली पुलिस हिंसा को चुपचाप देखती रही और छात्रों और टीचर्स को पीटा गया। क्या यह गृह मंत्री की मौन समर्थन के बिना संभव है?
#JNUattack proves-:
1. Attack on JNU campus was premeditated.
2. Attack had support of JNU administration.
3. Goons belonged to BJP.
4. Delhi police was a mute spectator as studentrs/teachers were beaten.Can this happen without tacit support of HM?https://t.co/qRfyNwOWTP
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) January 6, 2020
वहीं कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा जेएनयू परिसर में हुई हिंसा में घायल छात्रों से मुलाकात करने के लिए दिल्ली के एम्स पहुंचीं। उन्होंने ट्वीट किया,‘अब मोदी-शाह के गुंडे हमारे विश्वविद्यालयों में उपद्रव कर रहे हैं, हमारे बच्चों में भय फैला रहे हैं, जिन्हें बेहतर भविष्य की तैयारियों में लगे होना चाहिए…इस जख्मों को बढ़ाते हुए बीजेपी नेता मीडिया में ऐसा दिखा रहे हैं कि जेएनयू में हिंसा करने वाले उनके गुंडे नहीं थे।’
मतलब साफ है कि कांग्रेस के नेता के बयान ऐसे हैं जो इस भड़की हिंसा में आग में घी का काम करनेवाले हैं। इस तरह के राजनीतिक बयान से जेएनयू में मची अफरातफरी की स्थिति को रोकेगा नहीं बल्कि उसको इससे और बढ़ावा मिलेगाष जबकि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की तरफ से इस मामले में दिल्ली पुलिस प्रमुख से बात कर मामले पर त्वरित कार्रवाई करने और इसकी रिपोर्ट सौंपने की बात कही गई है।