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Big Allegation Against Rahul Gandhi : जैसे राजीव गांधी ने पलटा था शाह बानो केस का फैसला, वैसे ही राहुल पलटना चाहते हैं राम मंदिर का निर्णय, आचार्य प्रमोद कृष्णम का बड़ा आरोप

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व नेता और कल्कि धाम के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने अयोध्या के राम मंदिर पर कांग्रेस को लेकर बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था कि केंद्र में हमारी सरकार आने के बाद, राम मंदिर के फैसले को उसी तरह पलट देंगे जैसे राजीव गांधी ने शाह बानो केस के फैसले को पलट दिया था।

आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि मैंने कांग्रेस में 32 साल से अधिक समय बिताया है। जब अयोध्या का फैसला आया और राम मंदिर बनना शुरू हुआ तो राहुल गांधी ने अपने करीबी सहयोगियों के साथ बैठक में अमेरिका के रहने वाले एक शुभचिंतक की सलाह पर ये बात कही थी कि अगर हमारी सरकार बनती है तो हम सुपर पावर कमीशन बनाकर राम मंदिर के फैसले को पलट देंगे। राहुल ने यह भी कहा था कि जब शाह बानो केस का फैसला बदला जा सकता है तो राम मंदिर का क्यों नहीं बदला जा सकता है।

गौरतलब है कि सत्तर के दशक में इंदौर में एक बड़े वकील मोहम्मद अहमद खान ने एक कम उम्र की लड़की से निकाह के बाद अपनी पत्नी शाह बानो को 5 बच्चों समेत घर से निकाल दिया। वकील साहब बच्चों की परवरिश के लिए कभी-कभी कुछ पैसे दे दिया करते थे लेकिन शाह बानो नियमित तौर पर हर महीने गुजारा-भत्ता की मांग कर रहीं थीं। नवंबर 1978 को मोहम्मद अहमद खान ने शाह बानो को तीन तलाक दे दिया। मेहर की रकम का भुगतान कर खान ने आगे किसी भी तरह का गुजारा भत्ता देने से मना कर दिया। इसके बाद शाह बानो निचली अदालत से केस लड़ते लड़ते सुप्रीम कोर्ट तक गईं।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि तलाक के बाद बीवी को मेहर देने का मतलब यह नहीं कि उसे गुजारा-भत्ता देने की जरूरत नहीं है। गुजारा-भत्ता तलाकशुदा पत्नी का हक है। मुस्लिम कट्टरपंथी इसे मुस्लिम पर्सनल लॉ में दखल बताकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जबरदस्त विरोध करने लगे। इसके बाद साल 1986 में तत्कालीन राजीव गांधी सरकार ने संसद में कानून बनाकर शाह बानो पर दिया सुप्रीम कोर्ट का फैसला पलट दिया।

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