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भोपाल पहुंचे ज्योतिरादित्य सिंधिया, बोले हम एक और एक दो नहीं, ग्यारह हैं

नई दिल्ली। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने के बाद गुरुवार को पहली बार भोपाल पहुंचे ज्योतिरादित्य सिंधिया का जोरदार स्वागत किया गया। सिंधिया विशेष विमान से भोपाल पहुंचे। हवाईअड्डे पर उनका जहां जोरदार स्वागत किया गया, वहीं हवाईअड्डे से भाजपा के प्रदेश कार्यालय तक जाने वाले मार्ग पर हजारों की संख्या में कार्यकर्ता सड़क के दोनों ओर खड़े रहे। सिंधिया दिल्ली से विशेष विमान से केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ यहां पहुंचे। उनका हवाईअड्डे पर पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष वी.डी. शर्मा सहित अन्य नेताओं ने स्वागत किया। हवाईअड्डे पर हजारों की संख्या में कार्यकर्ता हाथों में भाजपा का झंडा व सिंधिया की तस्वीरें लिए खड़े थे।

भोपाल में भाजपा कार्यालय पहुंचने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने यहां उन्होंने दीनदयाल उपाध्याय, कुशाभाऊ ठाकरे, राजमाता सिंधिया और माधवराव सिंधिया की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया। यहां सिंधिया ने कहा- आज मेरे लिए बहुत भावुक पल है। मैं अपने आप को सौभाग्यशाली समझता हूं कि नड्डा साहब, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह के आशीर्वाद से इस परिवार के द्वार मेरे लिए खोले गए। जिस संगठन में, जिस परिवार में मैंने 20 साल बिताए, मेहनत-लगन-संकल्प और खून-पसीने की बूंद बहाई, उसे छोड़कर मैं खुद को आपको समर्पित कर रहा हूं।

आगे सिंधियाने कहा कि दो तरीके के लोग हैं इस देश में। कइयों का मकसद राजनीति होता है और कइयों का मकसद जनसेवा होता है। मैं गर्व से कह सकता हूं कि अटलजी रहे हों या नरेंद्र मोदीजी हों, चाहे सिंधिया परिवार की सदस्य मेरी दादी राजमाता विजयाराजे सिंधिया रही हों, मेरे पूज्य पिताजी हों या फिर मैं… हमारा लक्ष्य जनसेवा है और राजनीति उसका माध्यम है।

आगे सिंधिया ने कहा कि हमारे लिए कुर्सी और पद महत्वपूर्ण नहीं होना चाहिए। केवल सम्मान और पहचान के साथ मैं आपके हृदय में स्थान पा सकूंगा तो अपने जीवन को सफल मानूंगा। आज शिवराज सिंह जी ने बहुत कुछ कहा। मौजूदा सरकार के बारे में और इतनी रंगीन शैली में कहा कि उसका मुकाबला ज्योतिरादित्य सिंधिया शायद ही कर पाए। दिसंबर 2018 में मुकाबला हुआ था, लेकिन आज हम एक साथ हैं।

दल अलग हो सकते हैं, राजनीतिक रंग अलग हो सकते हैं, मतभेद हो सकते हैं, लेकिन पक्ष और विपक्ष के बीच कभी मनभेद नहीं होना चाहिए। विपक्ष में बैठकर भी शिवराज सिंह जैसा समर्पित और जनता के प्रति सबकुछ न्योछावर करने वाला कार्यकर्ता इस देश और प्रदेश में बिरला ही होगा। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया अब एक हैं। इसलिए अब दो नहीं होना चाहिए। मेरा लक्ष्य अब प्रदेश की जनता का साथ पाना है।


अपने परिवार के सियासी सफर पर सिंधिया ने कहा, “जिस दल को पसीने और पूंजी के साथ मेरी दादी ने स्थापित किया। 36 साल की उम्र में पहली बार जनसेवा का लक्ष्य बनाकर मेरे पिताजी चले, आज उसी दिल में ज्योतिरादित्य सिंधिया ये अपना दिल लेकर आया है।

कार्यकर्ताओं से कहना चाहता हूं कि आपके दिल में स्थान पाना ज्योतिरादित्य के जीवन का लक्ष्य होगा। विश्वास दिलाना चाहता हूं कि जहां आपका एक बूंद पसीना टपकेगा, वहां 100 बूंद पसीना टपकाऊंगा और अगर खून की जरूरत होगी तो वह भी बहाऊंगा।”

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