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Madhya Pradesh: महिलाओं को लेकर कमलनाथ के सोच की खुल गई पोल, इमरती देवी के खिलाफ की अभद्र टिप्पणी

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में उपचुनाव को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। एक तरफ जहां भाजपा के नेता कांग्रेस पर जमकर निशाना साध रहे हैं वहीं कांग्रेस के नेता अपने बयानों से सारी मर्यादाओं को तार-तार कर दे रहे हैं। इस पहले कांग्रेस के नेता ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के परिवार को गद्दार कहा साथ ही सिंधिया के बारे में कहा कि वह जेब में बिच्छू रखते हैं तो वहीं कांग्रेस के दूसरे नेता ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के लिए भूखे नंगे जैसे शब्दों का प्रयोग कर दिया। यहां तक तो ठीक था लेकिन आज कांग्रेस के नेता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भाजपा की एक महिला के लिए जिस तरह के शब्दों का प्रयोग किया है वह राजनीति और चुनाव से अलग कांग्रेस की महिलाओं की सोच को उजागर करती है। इससे पहले कांग्रेस की एक नेता की सरेआम पिटाई भी सबने देखी जब उन्होंने एक उम्मीदवार जिस पर रेप का मुकदमा था उसको टिकट देने का विरोध किया था।

मध्य प्रदेश में विधानसभा के उप-चुनाव के प्रचार के दौरान कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमल नाथ ने ग्वालियर के डबरा विधानसभा क्षेत्र में कैबिनेट मंत्री इमरती देवी का नाम लिए बगैर उन्हें आइटम बता दिया। वह यहीं नहीं रूके उन्होंने कहा कि ऐसे लोग का नाम वह अपनी मुंह से क्यों लें। इसके बाद से कमलनाथ के इस बयान सियासी बवाल मच गया है। भाजपा हमलावर हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ कांग्रेस उम्मीदवार के समर्थन में प्रचार करने यहां पहुंचे थे।


कमल नाथ ने बगैर नाम लिए इमरती देवी पर हमला किया और कहा, “हमारे उम्मीदवार सीधे सरल स्वभाव के हैं, उसके जैसे नहीं है, उसका क्या नाम है (जनता की आवाज आई इमरती देवी), मैं उसका नाम क्या लूं, मुझ से ज्यादा आप उसे पहचानते हैं। आप तो मुझे उससे पहले ही सावधान कर देते। ये क्या आइटम है।”

कमलनाथ के इस बयान पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने कहा कि कमलनाथ ने नवरात्र के दूसरे दिन अनुसूचित जाति की महिला इमरती देवी को आइटम कहकर नारी शक्ति का अपमान किया है, प्रदेश की जनता इसका जवाब देगी।


भाजपा के राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी कमलनाथ पर हमला बोला। उन्होंने कमलनाथ का वीडियो ट्वीट कर कहा, “एक गरीब और मजदूर परिवार से आगे आईं दलित नेता इमरती देवी जी को आज डबरा में आइटम और जलेबी कहना अत्यंत निंदनीय और आपत्तिजनक है – ये कमलनाथ जी की मानसिकता को भी दर्शाता है। महिलाओं के साथ ही समूचे दलित समाज का अपमान करने वाले ऐसे मगरूर नेता को सबक सिखाने का समय आ गया है।”

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