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Rahul & Bilawal: जानिए क्यों हो रही है बिलावल भट्टो से राहुल गांधी की तुलना, वजह बड़ी मजेदार है

नई दिल्ली। चलिए आज हम आपको लिए चलते हैं पाकिस्तान और मिलवाते हैं आपको पाकिस्तानी राहुल गांधी से….क्यों चौंक गए न आप…अब आप अपना सिर खुजा रहे होंगे कि यार ये राहुल गांधी तो हिंदुस्तानी नेता हैं। पहले कांग्रेस के अध्यक्ष थें। हालांकि, अपने करकमलों से पार्टी की दुर्गति करने के बाद अब वो अपनी नैतिकता का हवाला देकर इस पद से तौबा कर चुके हैं। फिलहाल उनकी मां यानी की सोनिया गांधी के कांधों पर पार्टी की जिम्मेदारी है। लेकिन सोनिया भी पार्टी की बेहतरी के लिए कुछ खास नहीं कर पा रही है। लेकिन ये पाकिस्तानी में कहां से राहुल गांधी आ गए। कुछ समझ नहीं आ रहा है। कुछ ज्यादा ही संस्पेश बढ़ा रहे हैं आप। कुछ खुलकर बताएंगे कि आप कहना क्या चाहते हैं। तो चलिए अब हम आपको सब कुछ तफसील से बताते हैं।

तो पहले तो आप यह जान लीजिए कि हम आपको राहुल गांधी से नहीं, बल्कि पाकिस्तानी नेता बिलावल भट्टो से मिलवाने जा रहे हैं। तो अब आप कहेंगे कि तो ऐसा कहिए न कि आप बिलावल भट्टो से मिलावने जा रहे हैं। ये क्यों कह रहे हैं कि पाकिस्तानी राहुल गांधी से मिलवाने जा रहे हैं। हमें क्या बेवकूफ समझा हुआ है? अरे नहीं साहब…! आप तो खामखां ही खिन्न हो रहे हैं। दरअसल, हमारी इस पूरी रिपोर्ट को मुकम्मल पढ़ने के बाद जब आप बिलावल भट्टो के बारे में सब कुछ जान चुके होंगे, तब आप भी यही कहेंगे कि भैया आपने बिल्कुल सही कहा था कि हमें तो ऐसा लग रहा है कि पाकिस्तानी राहुल गांधी से मिल रहे हैं। तो ऐसा क्यों…चलिए जानते हैं।

ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि हमारे यहां के राहुल भी पूर्व प्रधानमंत्री के पुत्र हैं, तो उनके यहां यानी की पाकिस्तानी बिलावल भट्टो भी पूर्व वजीर-ए-आजम नवाज शरीफ के बेटे हैं। हमारे यहां वाले राहुल भी बेहद ही समृद्ध कुनबे से ताल्लुक रखते हैं। जमीन से जुड़ा हुआ नेता तो उन्हें कहना हिमाकत ही होगी। सियासत के मूलभूत मसलों से अनिभिज्ञ राहुल कई मर्तबा अपनी दुर्गति भी इसी वजह से करवा चुके हैं। और पाकिस्तान वाले बिलावल भट्टो का भी कुछ ऐसा ही सूरतेहाल है। हमारे यहां वाले राहुल गांधी भी अपने उलजुलूल बयानातों की वजह से अपनी छीछालेदर करवाते हैं, तो वहां बिलावल भट्टो उर्फ राहुल का भी कुछ ऐसा ही हाल है।

अगर आप सोशल मीडिया पर जाए तो आपकी निगाहें बेशुमार ऐसे वीडियोज पर पड़ेगी, जिसमें ये दोनों ही नेता कई मौकों पर सरेआम अपनी छीछालेदर करवा चुके हैं। जिस तरह से हमारे यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्तलिफ मौकों पर राहुल गांधी को इल्मदार बनने की हिदायत दे चुके हैं, ठीक उसी प्रकार से इमरान खान भी कई मौकों पर बिलावल भट्टो को बुनियादी इल्म हासिल करने की हिदायत दे चुके हैं। एक बार तो इमरान खान ने भरी सभा में बिलावल भट्टो को उर्दू सीखने की हिदायत दे दी थी। जी हां…आपको यह जानकर हैरानी होगी कि उर्दू ज़बान पाकिस्तानी की कौमी ज़बान है, लेकिन बिलावल भट्टो इससे अनिभिज्ञ हैं। चलिए अब अगर आपको हमारे अल्फाजों से कुछ समझ न आया हो तो हम आपकी सहूलियत के लिए कुछ वीडियोज भी लगा देते है जिन्हें अगर आपने देख लिया तो आपको यह इकबाल करने में कोई गुरेज नहीं होगा कि दोनों एक-दूसरे से कम नहीं हैं। तो आपको हमारी यह रिपोर्ट कैसी लगी। हमें कमेंट कर बताना बिल्कुल भी मत भूलिएगा।

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