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क्‍या खतरे में है महाराष्ट्र की ठाकरे सरकार?, भाजपा बोली- हम देंगे समर्थन

नई दिल्ली। महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की जबसे सरकार बनी है, तभी से तीनों पार्टियों के बीच मतभेद की खबरें लगातार सामने आ रही हैं। अब एक बार फिर महाराष्ट्र में महाविकास अगाड़ी गठबंधन में अनबन की सुगबुगाहट तेज है। दरअसल शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस में पिछड़े वर्ग के मुसलमानों के लिए शिक्षा में आरक्षण देने के मुद्दे पर मतभेद उजागर हुआ है। shivsena congress NCP

इस बीच भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार के बयान से एक बार फिर संकेत मिलते हैं कि भाजपा राज्य की सियासत पर करीब से नजर रखे हुए है और संकट की स्थिति में वह उद्धव ठाकरे सरकार को समर्थन दे सकती है। भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि अगर एनसीपी और कांग्रेस उद्धव ठाकरे सरकार से समर्थन वापस ले लेती हैं तो भाजपा कुछ सीमित मुद्दों पर उसे समर्थन दे सकती है। उन्‍होंने कहा, ‘शिवसेना के साथ हमारा गठबंधन विचारधारा पर आधारित था। अगर एनसीपी और कांग्रेस उन पर दबाव बनाती है तो उन्‍हें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। यहां तक क‍ि अगर वे सरकार से बाहर हो जाते हैं, तब भी हम कुछ निर्धारित मुद्दों पर सरकार को समर्थन देंगे।’

क्‍या है विवाद का मुद्दा?

एनसीपी नेता व महाराष्‍ट्र सरकार में कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक ने बीते सप्‍ताह कहा था कि हाईकोर्ट ने पूर्व में शिक्षा में 5 प्रतिशत तक आरक्षण की अनुमति दी थी, जिसके आधार पर कानून लाया जाएगा। एनसीपी के साथ-साथ कांग्रेस ने भी इस पर हामी भरी है, पर शिवसेना ने इस पर अपना रुख स्‍पष्‍ट नहीं किया गया है।

उद्धव ठाकरे क्‍या बोले?

मुख्‍यमंत्री उद्धव ठाकरे से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्‍होंने कहा कि इस तरह का कोई प्रस्‍ताव उनके पास नहीं आया है और न ही इस पर कोई फैसला लिया गया है।

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