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Maharashtra: कर्ज लेने पर मजबूर महाराष्ट्र सरकार, शरद पवार बोले- बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए यही मात्र एक विकल्प

नई दिल्ली। सोमवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) अध्यक्ष शरद पवार ने महाराष्ट्र की आर्थिक स्थिति को लेकर कहा कि महाराष्ट्र “ऐतिहासिक आर्थिक संकट” का सामना कर रहा है और बाढ़ से प्रभावित लोगों की मदद के लिए राज्य सरकार के पास कर्ज लेने के अलावा कोई और रास्ता नहीं है। मराठवाड़ा क्षेत्र के दौरे पर गए शरद पवार ने उस्मानाबाद में संवाददाताओं से कहा कि ऐसे संकट में राज्य सरकार अकेले कुछ नहीं कर सकती। दरअसल कि महाराष्ट्र राज्य के पुणे, कोंकण और औरंगाबाद डिविजन में मूसलाधार बारिश और बाढ़ के कारण कम से कम 48 लोगों की मौत हुई है जबकि लाखों हेक्टेयर में लगी फसल को नुकसान पहुंचा है। ऐसे में शुक्रवार को अधिकारियों ने बताया कि बारिश और बाढ़ से पश्चिम महाराष्ट्र के पुणे डिविजन में 29 लोगों की मौत हुई है जबकि मध्य महाराष्ट्र के औरंगाबाद डिविजन, जिसमें उस्मानाबाद भी आता है, में 16 लोगों की और तटवर्ती कोंकण क्षेत्र में तीन लोगों की मौत हुई है।

आपको बता दें कि इस हालात को देखते हुए शरद पवार बाढ़ से प्रभावित क्षेत्र के दौरे पर हैं और वहां बने हालातों का जायजा ले रहे हैं। उन्होंने सोमवार को उस्मानाबाद में संवाददाताओं से कहा, “राज्य के पास बाढ़ से प्रभावित लोगों की मदद के लिए ऋण लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। राज्य ऐतिहासिक आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। मैं इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए मुख्यमंत्री से मिलूंगा।” वहीं, इससे पहले रविवार को शरद पवार ने कहा था कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर राज्य में वर्षा से प्रभावित किसानों के लिए मदद मांगेंगे।

महाराष्ट्र में बाढ़ से बने हालातों को लेकर राज्य सरकार में सहभागी शरद पवार ने कहा था, “केन्द्र सरकार को किसानों की मदद करनी चाहिए और उसके लिए मैं अन्य सांसदों के साथ प्रधानमंत्री से भेंट करूंगा।’’ राज्यसभा सदस्य ने कहा कि वर्षा प्रभावित किसानों की मदद करने में राज्य सरकार की अपनी सीमाएं हैं और केन्द्र सरकार को ऐसे में मदद करनी चाहिए। पवार ने कहा, ‘‘मैंने अन्य सांसदों से भी कहा है कि हम अगले 8-10 दिन में प्रधानमंत्री से मिलने नयी दिल्ली जाएंगे। इसका समाधान केन्द्र और राज्य को साथ मिलकर करना होगा।’’

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