नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार 11 मई को देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए लॉकडाउन और कोरोनावायरस के विषय में विस्तार से चर्चा की। लेकिन एक राज्य इस चर्चा के दौरान भी केंद्र पर राजनीति करने का आरोप लगाता रहा, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने केंद्र को संघीय ढांचे के बारे में ज्ञान दिया। लेकिन अब कोरोना संकट के बीच आंकड़ों को लेकर पश्चिम बंगाल की ममता सरकार किरकिरी का सामना कर रही है। ऐसे में राज्य सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए स्वास्थ्य सचिव विवेक कुमार को हटा दिया है। सरकार ने उन्हें पर्यावरण विभाग भेजा दिया है।
दरअसल, कोरोना के आंकड़ों को लेकर ममता सरकार पर कई तरह के आरोप लगते रहे हैं। सरकार ने अब नारायण स्वरूप निगम को स्वास्थ्य सचिव नियुक्त किया है।
West Bengal Principal Health Secretary Vivek Kumar transferred and posted as Principal Secretary Environment Department, West Bengal.
— ANI (@ANI) May 12, 2020
स्वास्थ्य सचिव को हटाने से पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा था। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई बैठक के दौरान ममता ने कहा था कि केंद्र सरकार संघीय ढांचा बनाए रखे। कोरोना संकट के समय राजनीति करना ठीक नहीं है। केंद्र सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए बनर्जी ने कहा था कि ऐसे वक्त में केंद्र को राजनीति नहीं करनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा था कि राज्य कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अच्छा काम कर रहा है। केंद्र सरकार को समझना चाहिए कि बंगाल से अंतरराष्ट्रीय सीमा लगती है। राज्य को लिखी केंद्र की चिट्ठी पहले ही लीक हो जाती है। दरअसल बीते दिनों केंद्रीय टीम ने बंगाल के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा को एक चिट्ठी लिखी थी।
चिट्ठी में राज्य में खराब इंतजाम को दिखाया गया था। टीम के मुखिया और भारत सरकार के विशेष सचिव अपूर्व चंद्रा ने लिखा था कि राज्य सरकार ने अलग-अलग समय पर मरने वालों और कोरोना मरीजों का जो आंकड़ा दिया है, उनमें बहुत ज्यादा अंतर है। टीम का कहना था कि राज्य में मृत्यु दर 12.8 फीसदी है। जो किसी भी राज्य के मुकाबले ज्यादा है।