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Video: ‘मनमोहन सिंह और सोनिया मेरी बात सुनते थे, लेकिन…’, अरशद मदनी के बयान से बवाल, जानें ऐसा क्या कह दिया

नई दिल्ली। जमीयत-उलेमा-ए-हिंद के मौलाना अरशद मदनी ने एक निजी न्यूज चैनल से बातचीत के दौरान बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि पूर्व कांग्रेस सरकार में उनकी अक्सर सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह से मुलाकात होती थी। उनके सामने वे मुस्लिमों से जड़े मसलों और उनकी समस्याओं को रखते थे, जिनका समाधान भी आसानी से हो जाता था। किसी भी प्रकार की समस्या नहीं आती थी, लेकिन कई बार कुछ समस्याओं का समाधान नहीं हो पाता था। इसके पीछे की वजह बताते हुए मदनी कहते हैं कि इस देश में सिर्फ मुस्लिम नहीं रहते हैं, दूसरे समुदाय के लोग भी रहते हैं, जिनके बारे में भी सरकार को सोचना होता है। इसके अलावा जब अरशद मदनी से पूछा गया कि आप कभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले, तो इस पर उन्होंने कहा कि मैं कभी-भी पीएम मोदी से नहीं मिला हूं। इसके बाद आगे जब उनसे सवाल किया गया कि क्या आप उनसे मिलना चाहेंगे? तो इस पर उन्होंने कहा कि अगर मुझे भविष्य में मौका मिला, तो जरूर मिलना चाहूंगा, लेकिन मेरे और उनके विचार में टकराव है।

क्या मुस्लिम कभी बीजेपी के साथ जाएगा

इसके बाद जब उनसे पूछा गया कि क्या इस देश का मुस्लिम बीजेपी के लिए साथ जाने के लिए तैयार होगा, तो इस पर अरशद मदनी ने कहा कि अगर बीजेपी नफरत की राजनीति का परित्याग करके मोहब्बत की राजनीति करें, तो बेशक इस देश का मुस्लिम बीजेपी के साथ जाएगा। अरशद मदनी ने कहा कि बीजेपी के सामने आकर कहना होगा कि हमें हिंदू और मुस्लिम दोनों का वोट चाहिए। हमें महज हिंदू का वोट नहीं चाहिए।

सेकुलरिज्म खतरे में है ?

इसके अलावा अरशद मदनी ने निजी न्यूज चैनल से बातचीत के दौरान कहा कि इस देश का सेकुलरिज्म खतरे में है। देश का धर्मनिरपेक्षता खतरे में है और मुझे यह कहने में कोई गुरेज नहीं है कि इसके लिए अगर कोई जिम्मेदार है, तो वो बीजेपी है। ध्यान रहे कि इससे पहले अरशद मदनी ने दिल्ली में आयोजित एक सर्वधर्म कार्यक्रम के दौरान अल्लाह और ओम को एक बता दिया था, जिसे लेकर खूब विवाद हुआ था। वहीं, अरशद मदनी की बात करें, तो उनके बयान के बाद राजनीति गरमा गई है। अब ऐसे में इस पर किसकी क्या प्रतिक्रिया आती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

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