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सरकार ने कहा- ‘1 साल तक कानूनों को स्थगित करने के लिए तैयार’, किसान नेता बोले-विचार करके बताएंगे

नई दिल्ली। बुधवार को किसान नेताओं और सरकार के बीच 10वें दौर की वार्ता हुई। हालांकि इस बैठक में सरकार थोड़ी आशावान दिख रही है कि जल्द ही कृषि कानूनों के मुद्दे पर समाधान मिल सकता है। बता दें कि केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बैठक के बाद कहा कि, “आज हमारी कोशिश थी कि कोई निर्णय हो जाए। किसान यूनियन क़ानून वापसी की मांग पर थी और सरकार खुले मन से क़ानून के प्रावधान के अनुसार विचार करने और संशोधन करने के लिए तैयार थी।” उन्होंने कहा कि, “सुप्रीम कोर्ट ने कुछ समय के लिए कृषि सुधार क़ानूनों को स्थगित किया है। सरकार 1-1.5 साल तक भी क़ानून के क्रियान्वयन को स्थगित करने के लिए तैयार है। इस दौरान किसान यूनियन और सरकार बात करें और समाधान ढूंढे।” बता दें कि बुधवार को हुई यह बैठक हालांकि किसी नतीजे पर नहीं पहुंची लेकिन अब अगले दौर की बैठक 22 जनवरी को होगी।

तोमर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि, “किसान यूनियन के नेताओं ने कहा कि सरकार के प्रस्ताव पर कल हम अपने नेताओं के साथ विचार करेंगे और 22 जनवरी को दोपहर 12 बजे बैठक में आएंगे और आपको निर्णय से अवगत कराएंगे।”

इसके अलावा बैठक के बाद किसान नेता ने कहा कि, “सरकार ने कहा है कि हम कोर्ट में एफिडेविट देकर क़ानून को 1.5-2 साल तक होल्ड पर रख सकते हैं। कमेटी बनाकर चर्चा करके, कमेटी जो रिपोर्ट देगी, हम उसको लागू करेंगे। हम 500 किसान संगठन हैं, कल हम सबसे चर्चा करके 22 जनवरी को अपना जवाब देंगे।”

वहीं किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने आज की बैठक को लेकर कहा कि, “बैठक में 3 कानूनों और MSP पर बात हुई। सरकार ने कहा हम 3 कानूनों का एफिडेविट बनाकर सुप्रीम कोर्ट को देंगे और हम 1-1.5 साल के लिए रोक लगा देंगे। एक कमेटी बनेगी जो 3 क़ानूनों और MSP का भविष्य तय करेगी। हमने कहा हम इस पर विचार करेंगे।”

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