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कोरोना काल में जनता के लिए दूसरे राहत पैकेज के साथ तैयार मोदी सरकार, मध्यम वर्ग पर रहेगा फोकस

नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण (corona infection) की शुरुआत के साथ जिस तरह से पूरे देश की रफ्तार थम गई उसके बाद जनजीवन सामान्य होने से पहले जो GDP के आंकड़े आए उसने सबको परेशान कर दिया। भारत की आर्थिक वृद्धि दर -23.9 फीसदी (economic growth rate) रही है। ऐसे में मोदी सरकार की कोशिश है कि इस मंदी के दौर से देश को बाहर निकाला जाए और अर्थव्यवस्था को फिर से खड़ा कर एक नई शुरुआत की जाए। इसके लिए सरकार की तरफ से दूसरे राहत पैकेज (Relief package) की घोषणा की तैयारी है और सूत्रों की मानें तो इस बार सरकार का फोकस मध्यम वर्ग पर रहेगा। ताकि इस वर्ग को भी राहत दी जा सके।

ऐसे में अर्थव्यवस्था को एक बार फिर से पटरी पर लाने के लिए केंद्र सरकार दूसरे राहत पैकेज (Stimulus Package) पर काम कर रही है। दूसरा राहत पैकेज देश के मध्यम वर्गीय (Middle Class) आबादी और छोटे कारोबार पर फोकस होगा। कुछ दिन पहले ही मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति वी सुब्रमण्यम (K V Subramanian) ने कहा था कि बहुत जल्द ही दूसरे राहत पैकेज की उम्मीद की जा सकती है। उनका यह बयान अब अर्थव्यवस्था को रिवाइव करने के लिए मोदी सरकार की कवायदों से मेल खाते हुये दिखाई दे रहा है। सरकार का मानना है कि मौजूदा स्थिति में दूसरा राहत पैकेज का ऐलान अधिक फायदेमंद होगा, क्योंकि अब लॉकडाउन खत्म हो चुका है और अधिकतर ​राज्यों में कारोबार व अन्य सेवाएं खुल चुके हैं।

इसको लेकर वित्त मंत्रालय (Ministry of Finance) में लगातार बैठकों का दौर चल रहा है ताकि अर्थव्यवस्था को रिवाइव (Economic Revival) करने के लिए सही रास्ता निकाला जा सके। बीते दो महीनों में कई बैठके हुई हैं। हाल ही में आधिकारिक जीडीपी आंकड़े सामने आने के बाद सरकार की अलोचना भी हुई है। अप्रैल-जून तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर -23.9 फीसदी रही है। भारत दुनियाभर के उन देशों में से एक बन चुका है, जहां अर्थव्यवस्था को सबसे बड़ा झटका लगा है।

 

वहीं रिपोर्ट में कहा गया है कि नये राहत पैकेज में सरकार मध्यम वर्गीय आबादी और छोटे कारोबार पर विशेष रूप से फोकस कर रही है। बता दें कि पहले राहत पैकेज के ऐलान के दौरान भी सरकार ने कहा था कि यह अंतिम राहत पैकेज नहीं होगा। फिलहाल सरकार नये राहत पैकेज पर काम कर रही है।

नीति आयोग और वित्त मंत्रालय के अधिकारियों समेत प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार समिति (Economic Advisory Council) का भी मानना है देश के मीडिल क्लास और छोटे कारोबार को सपोर्ट की जरूरत है। ऐसे में अब कयास लगाये जा रहे हैं कि इन्हीं दो सेग्मेंट पर दूसरा राहत पैकेज फोकस होगा। इसके अतिरिक्त उम्मीद की जा रही है सरकार सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (MSME) के लिये भी कुछ अतिरिक्त ऐलान कर सकती है। MSME ही भारत में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की रीढ़ है।

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