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ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर हुई पत्थरबाजी के बाद पाकिस्तान उच्चायोग के बाहर हुआ प्रदर्शन

नई दिल्ली। पाकिस्तान में ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर शुक्रवार को पत्थरबाजी हुई तो उसका गुस्सा भारत में भी देखने को मिला। इसको लेकर शनिवार को पाकिस्तान उच्चायोग के बाहर प्रदर्शन भी हुआ। भाजपा की तरफ से ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर हुए हमले के खिलाफ विरोध जताया गया। इसके अलावा सिख यूथ सेवा फ्रंट ने भी इस हमले के खिलाफ प्रदर्शन किया।

पाकिस्तान में हुई इस करतूत पर दिल्ली में सिख गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष मंजिंदर सिंह सिरसा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले में हस्तक्षेप की गुहार लगाई है। सिखों ने इस मसले को भारतीय विदेश मंत्रालय के समक्ष भी उठाया है। इसको लेकर दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा है कि सिख भाईचारा पाकिस्तान में सिखों को धमकियां देने वाले प्रयासों का पुरजोर विरोध कर रहे है।

आपको बता दें कि ननकाना साहिब सिखों के लिए सबसे पवित्र स्थान माना जाता है। यहां सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक जी का जन्म हुआ था।

दरअसल पाक के ननकाना साहिब गुरुद्वारे में ग्रंथी का आरोप है कि उनकी बेटी जगजीत कौर का कुछ लोगों ने बंदूक की नोक पर अपहरण किया और उसका जबरन निकाह कराया गया। इस मामले को लेकर सिख समुदाय आक्रोशित है।

अब सवाल उठता है कि दुनियाभर में भारत के खिलाफ फर्जी माहौल बनाने जुटे इमरान खान अपने ही देश के अल्पसंख्यकों पर खामोश क्यों हो जाते हैं? आखिर क्यों इमरान खान को पाकिस्तान में हिंदू और सिखों पर हो रहे जुल्मों पर सन्नाटा छा जाता है? इमरान खान शायद ये भूल गए हैं कि जिनके घर शीशे के होते हैं वो दूसरों के घरों पर पत्थर नहीं मारते…।

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