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Farmers Protest: नए कृषि कानून पर शरद पवार का बड़ा बयान, कहा- किसानों के सब्र का इम्तिहान न लें

नई दिल्ली। एक तरफ जहां कृषि कानूनों (Agricultural laws) के खिलाफ देश में किसानों का विरोध प्रदर्शन (Farmer Protest) आज 16वें दिन भी जारी है। किसान अभी भी अपनी मांगों पर डटे हुए हैं। वहीं दूसरी ओर विपक्षी दल इस मुद्दे को लेकर लगातार केंद्र सरकार पर हमला बोल रही है। इतना नहीं किसान आंदोलन के बहाने कुछ प्रमुख पार्टियां अपनी राजनीति रोटियां सेकने की कोशिश करने में जुटी हुई है। इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) अध्यक्ष और पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार ने नए कृषि कानून को लेकर बड़ा बयान दिया है। साथ ही उन्होंने सरकार से कृषि कानूनों पर पुनर्विचार करने की मांग भी कर डाली।

मीडिया से बातचीत करते हुए शरद पवार ने यह भी कहा कि यदि केंद्र ने किसानों की मांगों पर समय से निर्णय नहीं लिया तो दिल्ली की सीमाओं पर चला रहा प्रदर्शन अन्यत्र भी फैल सकता है। पूर्व कृषि मंत्री ने आगे ने कहा कि सरकार को कृषि कानूनों के बारे में पुनर्विचार करना चाहिए, इन कानूनों को बिना चर्चा के पारित किया गया था, सभी ने सरकार से कहा था कि वे इस पर चर्चा करें, लेकिन विपक्ष की बात को दरकिनार करते हुए सरकार ने कृषि कानूनों को संसद से जल्दबाजी में पारित किया।

शरद पवार ने कहा कि हम भारत सरकार से आग्रह करते हैं कि किसान देश का अन्नदाता है और उसकी सहिष्णुता का इम्तिहान नहीं लिया जाना चाहिए।

किसान आंदोलन के बीच दंगे की साजिश, कृषि मंत्री बोले MSP, APMC के बीच इसका क्या काम?

इससे पहले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने एक बार फिर किसानों से धरना तोड़ने की अपील की। इस दौरान नरेंद्र सिंह तोमर ने प्रदर्शनकारियों के हाथों में देशद्रोहियों के पोस्टर देख कड़ी आपत्ति जताई। इतना ही नहीं इस पोस्टर पर सवाल उठाते हुए उन्होंने पूछा है कि किसान आंदोलन में इस पोस्टर का आखिर क्या काम है।

कृषि मंत्री तोमर ने आरोप लगाया कि एमएसपी, एपीएमसी और अन्य मुद्दे किसानों से संबंधित हैं, लेकिन ये पोस्टर किसान का मुद्दा कैसे हो सकते हैं। यह खतरनाक है और यूनियनों को इससे खुद को दूर रखना चाहिए। यह सिर्फ मुद्दों को हटाने और विचलित करने के लिए किया जा रहा है। दरअसल, किसान आंदोलन के बीच मानवाधिकार दिवस के मौके पर गुरुवार को टिकरी बॉर्डर पर प्रदर्शन किया गया। इस प्रदर्शन के दौरान किसानों के मंच पर एक पोस्टर लगाया गया, जिसमें उमर खालिद, शरजील इमाम, गौतम नवलखा, सुधा भारद्वाज, वरवरा राव समेत अन्य लोगों की रिहाई की मांग की गई थी।

इसी पर जवाब देते हुए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, मैं किसान नेताओं से कहना चाहता हूं कि इस प्रकार के लोगों के हाथ में आपका आंदोलन पहुंच जाएगा तो इससे किसानों के हितों को नुकसान होगा। किसानों को सावाधानी बरतनी चाहिए देश को तोड़ने वाले लोग किसान आंदोलन में दिखेंगे तो इससे किसान बदनाम होंगे। किसान हमारे देश का अन्नदाता है किसानों ने देश को आत्मनिर्भर बनाया है। कोरोना के समय में भी किसानों ने मेहनत की। किसानों को देखना चाहिए कि उनके मंच का कोई गलत इस्तेमाल न करने पाए।’

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