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ड्रैगन को एक और झटका, चीन से भारत आईं Apple की इतनी मोबाइल फैक्ट्रियां

नई दिल्ली। लद्दाख (Ladakh) में भारत और चीन (India-China) के बीच सीमा पर बीते चार महीनों से चल रहे तनाव के बीच उसे लगातार दुनिया की कई कंपनियां जो उसकी जमीन पर अपना बिजनेस कर रहे हैं उसे झटका दे रहे हैं। जापान, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन की कई कंपनियां भारत में अपना निवेश कर रही हैं। जबकि चीन की जमीन से वह अपना कारोबार एक-एक कर समेटने की कवायद तेज कर चुके हैं।

बता दें की चीन की चालबाजियों से पूरा विश्व वाकिफ है। ऐसे में कई बड़े और अहम देश मसलन कि अमेरिका (US), ब्रिटेन (UK), जापान (Japan) और ऑस्ट्रेलिया (Austrailia) आदि भी भारत के साथ खड़े हैं। आलम यह है कि दक्षिण एशिया (South Asia) में भारत मैन्युफैक्चरिंग का हब बन रहा है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravishankar Prasad) ने गुरुवार को बताया कि एप्पल (Apple) की आठ कंपनियां चीन को छोड़कर भारत (India) में आ चुकी हैं। प्रसाद ने बताया कि भारत उत्पादन का हब बन रहा है।

प्रसाद ने बिहार के एनआरआई से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत में बताया कि अमेरिका, ब्रिटेन, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने समर्थन दिया है। प्रसाद ने कहा कि भारत बड़े विनिर्माण केंद्र के रूप में उभर रहा है और ग्लोबल मैन्युफैक्चरर इकोसिस्टम यह महसूस कर रहा है कि इसे चीन के अलावा अन्य स्थानों पर भी होना चाहिए। मुझे जानकारी मिली है कि एप्पल अपनी लगभग 8 फैक्ट्रीज को चीन से भारत में स्थानांतरित कर चुका है।

प्रसाद ने आगे कहा कि जब लद्दाख में चीन के साथ कुछ होता है तो हमारे प्रधानमंत्री हमेशा दृढ़ता से खड़े रहे और हमेशा यही बात कही कि भारत कभी भी अपनी संप्रभुता से कोई भी समझौता नहीं करेगा। भारत के इस साहसिक रुख पर अमेरिका, ब्रिटेन, जापान और अमेरिका ने भी साथ दिया।

गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) स्थित पैंगोंग (Pangong) झील के दक्षिणी किनारे पर स्थित भारतीय इलाके पर कब्जे के लिए चीन द्वारा 29 अगस्त और 30 अगस्त को की गई असफल कोशिश के बाद एक बार फिर तनाव बढ़ गया है। भारत ने पैंगोंग झील के दक्षिण में रणनीतिक रूप से अहम कई ऊंचाई वाले स्थानों पर मुस्तैदी बढ़ा दी है। चीन की घुसपैठ की कोशिश के मद्देनजर भारत ने अतिरिक्त जवानों को भेजा है और संवेदनशील इलाकों में हथियारों की तैनाती की है।

चीन द्वारा पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर यथास्थिति बदलने की कोशिश के मद्देनजर भारत ने इलाके में अपनी सैन्य उपस्थिति और बढ़ा दी है।

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