News Room Post

Video: ‘ओवैसी मेरे अच्छे दोस्त हैं, लेकिन जब वो बीजेपी को….’, जयराम के बयान से AIMIM में खलबली

Jayram Ramesh

नई दिल्ली। ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी जिस तरह मुख्तलिफ मसलों को लेकर बीजेपी पर निशाना साधने पर मशगूल रहते हैं। इससे तो हर कोई वाकिफ ही है, लेकिन फिर भी कांग्रेस के आला दर्जे के नेताओं को ओवैसी का सियासी रवैया रास नहीं आता है। कांग्रेस के कई बड़े नेता ओवैसी को बीजेपी की बी टीम मानते हैं। उनका कहना है कि ओवैसी परोक्ष रूप से बीजेपी को सपोर्ट करते हैं। ओवैसी जिस तरह के बयान देते हैं, उससे जहां कांग्रेस को नुकसान होता है, तो वहीं बीजेपी को फायदा पहुंचता है। कांग्रेस के रूख से साफ है कि वो ओवैसी को अपनी सियासी राह के लिए कांटा मानती है। आज इसी मुद्दे पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने मीडिया से बातचीत के क्रम में अपनी राय साझा की है। आइए, आपको बताते हैं कि उन्होंने क्या कुछ कहा है।

बता दें कि कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ओवैसी के बारे में मीडिया से बातचीत के क्रम में कहा कि, ‘वह एक पढ़े लिखे व्यक्ति हैं। मेरे उनसे निजी संबंध हैं। हम दोनों कई मौकों पर मुखातिब भी होते हैं। कई मर्तबा फोन पर भी गुफ्तगू होती है। उनका मिजाज भी अच्छा है, लेकिन अगर बात सियसात की आती है, तो कहीं ना कहीं वो कांग्रेस के लिए सियासी दुश्वारियां पैदा करते हैं, क्योंकि ओवैसी और बीजेपी की राजनीति में कोई फर्क नहीं है। ओवैसी वोट कटिक राजनीति करते हैं। वो कांग्रेस को कमजोर करने की राजनीति करते हैं। उन्होंने बिहार, असम और महाराष्ट्र में कांग्रेस को कमजोर करने की कोशिश की है। तो मैं यह कहना चाहूंगा कि वो अपनी हर सियासी गतिविधियों से कांग्रेस के लिए मुश्किलें ही खड़ी करते हैं।

हालांकि, एक वक्त ऐसा भी था, जब उनकी पार्टी यूपीए के घटक दलों में शामिल थी। यूपीए 1 में वो ओवैसी की पार्टी भी शामिल थे। लेकिन इसके बाद उनका कांग्रेस के साथ तलाक हो गया और वो बीजेपी के साथ मिल गए। मैं तो यह कहना चाहूंगा कि ओवैसी और बीजेपी की राजनीति में कोई फर्क नहीं है। दोनों ही कांग्रेस को कमजोर करने की कोशिश करते हैं। जयराम रमेश ने ओवैसी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वो विभाजनकारी, सांप्रदायिक राजनीति करते हैं। सियासत के मोर्चे पर जिस तरह ओवैसी आक्रमक शब्दावलियों का इस्तेमाल करते हैं, उससे सिर्फ और सिर्फ बीजेपी को ही मजबूती मिलती और इसके विपरीत कांग्रेस के लिए सियासी दुश्वारियां पैदा होती हैं। ओवैसी का मकसद ही कांग्रेस को कमजोर करना है।

उधर, अगर ओवैसी की राजनीतिक रूख की बात करें, तो वो आमतौर पर अपनी तकरीरों में बीजेपी को निशाने पर लेते हुए दिखें हैं। हालांकि, अपनी तकरीरों में कांग्रेस को उस बेबाकी के साथ निशाने पर लेते हुए ओवैसी नहीं दिखे हैं, जैसा कि वो बीजेपी को लेते हैं। बहरहाल, अब जयराम रमेश के बयान पर आगामी दिनों में सियासी गलियारों की तरफ से क्या कुछ प्रतिक्रिया सामने आती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

Exit mobile version