कानपुर। बीते शुक्रवार को कानपुर में हुए दंगे के तार अब देशविरोधी गतिविधियों में लिप्त पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से सीधे तौर पर जुड़ रहे हैं। पुलिस ने इससे जुड़े दस्तावेज दंगे के मुख्य आरोपी हयात जफर हाशमी से बरामद किए हैं। सूत्रों के मुताबिक जिन संस्थाओं के दस्तावेज मिले हैं, उन्हें पीएफआई फंड देता रहा है। ऐसे में लग रहा है कि हाशमी पीएफआई और इन संगठनों से जुड़ा है। सूत्रों के मुताबिक पूछताछ में हाशमी ने दंगे भड़काने में 5 और लोगों के नाम लिए हैं। इनमें से कई नामचीन हैं। पुलिस ऐसे में बेहद गंभीरता से जांच कर रही है और सबूतों को इकट्ठा करने का काम जारी है।
सूत्रों के मुताबिक हाशमी के पास से एआईआसी, आआईएफ, एसडीपीआई और सीएफआई संस्थाओं के दस्तावेज बरामद किए गए हैं। इन सभी में फंड मिलने की जानकारी है। पता चला है कि पीएफआई से जुड़ी ये संस्थाएं किस तरह फंड हासिल करती हैं और आगे भेजती हैं। हयात जफर हाशमी और अन्य साजिशकर्ताओं के मोबाइल से काफी डेटा भी मिला है। इसके अलावा सूत्रों का दावा है कि हाशमी के एमएमए जौहर फैंस एसोसिएशन के वाट्सएप ग्रुप में भी दंगे के सबूत हैं। इस ग्रुप में तमाम लोग हैं। हाशमी ने दावा किया था कि 3 जून को उसने बाजार बंदी करने का आह्वान वापस ले लिया था, लेकिन वाट्सएप ग्रुप में उसी तारीख को हिंसा की साजिश रची जा रही थी।
बता दें कि मुस्लिमों के संगठन सूफी खानकाह एसोसिएशन ने ही सबसे पहले कानपुर दंगों में पीएफआई का हाथ होने का शक जताया था। एसोसिएशन की तरफ से बयान जारी कर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की गई थी। पुलिस ने घटना के बाद ही दो दर्जन से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है। इसके अलावा सीसीटीवी फुटेज से पहचानकर और आरोपियों को भी पकड़ने की कवायद जारी है।