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Ajit Pawar: एनसीपी की बैठक से अजित पवार की फोटो तक गायब! कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल बोले- उनको…

खास बात ये है कि अजित पवार ने बीते दिनों ही महाराष्ट्र विधानसभा में नेता विपक्ष का पद छोड़ने और एनसीपी के संगठन में काम करने की इच्छा जताई थी। अजित पवार की इस इच्छा के बारे में शरद पवार ने कहा था कि ऐसे फैसले कोई एक व्यक्ति नहीं ले सकता। इस बारे में पार्टी के बड़े नेताओं से चर्चा के बाद ही फैसला होगा।

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नई दिल्ली। दिल्ली में बुधवार को एनसीपी की अहम बैठक हुई। ये बैठक एनसीपी की महिला, छात्र और युवा विंग की थी। बैठक में एनसीपी के सुप्रीमो शरद पवार, नवनियुक्त कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल ने हिस्सा लिया, लेकिन अजित पवार इस बैठक में नहीं थे। यहां तक कि बैठक के पोस्टर पर अजित पवार की फोटो तक गायब थी। सिर्फ अजित के चाचा और एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार, सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल की तस्वीरें पोस्टर पर थीं। इस पर तमाम अटकलों का दौर शुरू हुआ। अटकलें लगने लगीं कि क्या अजित पवार को एनसीपी नेतृत्व ने पूरी तरह किनारे कर दिया है। इस बारे में मीडिया ने प्रफुल्ल पटेल से जानकारी चाही। इस पर प्रफुल्ल पटेल ने सफाई दी। उन्होंने कहा कि अजित पवार साहेब के पास एनसीपी के इन संगठनों की जिम्मेदारी नहीं है। इसी वजह से उनको बुलाया नहीं गया।

खास बात ये है कि अजित पवार ने बीते दिनों ही महाराष्ट्र विधानसभा में नेता विपक्ष का पद छोड़ने और एनसीपी के संगठन में काम करने की इच्छा जताई थी। अजित पवार की इस इच्छा के बारे में शरद पवार ने कहा था कि ऐसे फैसले कोई एक व्यक्ति नहीं ले सकता। इस बारे में पार्टी के बड़े नेताओं से चर्चा के बाद ही फैसला होगा। अजित पवार को इससे पहले शरद पवार ने पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष पद से भी दूर रखा। अजित के बारे में तब कहा गया कि महाराष्ट्र में एनसीपी को मजबूत करने की जिम्मेदारी उनपर है। अजित पवार महाराष्ट्र में 4 बार डिप्टी सीएम रह चुके हैं और बड़े विभाग संभालते रहे हैं।

अजित पवार ने हालांकि कभी साफ तौर पर नहीं कहा कि वो एनसीपी और अपने चाचा शरद पवार का दामन छोड़ना चाहते हैं। हालांकि, ऐसी खबरें चलीं कि अजित जल्दी ही अपने कुछ साथी विधायकों के साथ बीजेपी के पाले में जा सकते हैं, लेकिन ये अटकलें सही साबित नहीं हुईं। अजित पवार हालांकि एक बार देवेंद्र फडणवीस के साथ डिप्टी सीएम पद की शपथ ले चुके थे, लेकिन बाद में उन्होंने शरद पवार की नाराजगी देखते हुए इस कदम से पीछे हटना मंजूर कर लिया था। बीते कुछ समय से अजित पवार लगातार पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह की तारीफ भी करते नजर आ रहे हैं। इससे भी तमाम अटकलें लगती रही हैं।

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