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महाराष्ट्र : 145 में से सिर्फ 13 ट्रेनें चलीं, प्रवासी कामगार हुए परेशान, रेल मंत्री ने उद्धव को बताया जिम्मेदार

नई दिल्ली। लॉकडाउन के बीच देशभर से प्रवासी मजदूर पलायन कर रहे हैं। इसके लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं। महाराष्ट्र से भी लाखों कामगार लगातार अपने राज्यों को वापस जा रहे हैं। इसी को देखते हुए रेल मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को कहा कि मुंबई में प्रवासी मजदूरों की परेशानी की वजह महाराष्ट्र सरकार की नाकामी है।

राज्‍य सरकार ठीक से सूची नही दे पा रही है, ट्रेन कहां जानी है, कितने स्टॉपेज करने हैं, कौन पैसेंजर किस ट्रेन में जाएगा, इस पूरी जानकारी के बिना ट्रेन चलाना संभव नहीं है। पीयूष गोयल ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार को को मेहनत करने की आवश्यकता है और वह जल्द से जल्द चीजों को नियंत्रण में लाएं।

पीयूष गोयल ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा कि महाराष्‍ट्र सरकार के आग्रह पर हमनें 26 मई के लिए 145 श्रमिक स्‍पेशल ट्रेन का इंतजाम किया, इनमें से 50 ट्रेनों को दोपहर तीन बजे तक रवाना हो जाना चाहिए था लेकिन यात्रियों की कमी की वजह से केवल 13 ट्रेनें ही रवाना की जा सकीं। पीयूष गोयल ने कहा कि स्‍टेशन के बाहर प्रवासी मजदूरों की भीड़ लगी है और स्‍टेशन पर ट्रेन खाली खड़ी हैं।

गोयल ने कहा कि मैं महाराष्‍ट्र सरकार से अपील करता हूं कि वह पूर्ण सहयोग करें ताकि मुश्किल में फंसे प्रवासियों को उनके घर तक पहुंचाना सुनिश्चित किया जा सके। समय पर यात्रियों को स्‍टेशन पर पहुंचाने का इंतजाम किया जाए ताकि ट्रेनों के परिचालन में और देरी न हो। इससे पूरा नेटवर्क और योजना प्रभावित होगी।

रेलवे ने यह भी कहा कि 80 ट्रेन मांगने पर 30-40 ट्रेन मिलने का महाराष्ट्र सरकार का आरोप सरासर गलत है। वस्तुस्थिति ये है कि 65 गाड़ियां जो शेड्यूल हुईं, उसके लिए महाराष्ट्र सरकार यात्री नही ला पाई। वहां की पूरी व्यवस्था चरमरा गई है, और इसके लिए केंद्र सरकार पर कुछ भी आरोप लगा देना दुर्भाग्यपूर्ण है।

गोयल ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में रेलवे को 65 ट्रेन शेड्यूल होने के बाद भी यात्री ना होने की वजह से रद्द करनी पड़ी, क्योंकि महाराष्ट्र सरकार कुछ प्लान नही कर पाई थी। वहां की सरकार द्वारा अपनी नाकामी छुपाने के लिए झूठे इल्जाम लगाना ठीक नही है।

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