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PM Narendra Modi Interview : वन नेशन-वन इलेक्शन पर पीएम नरेंद्र मोदी ने जताया अपना कमिटमेंट, जानिए इंटरव्यू में और क्या बोले प्रधानमंत्री

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में वन नेशन वन इलेक्शन, चुनाव आयोग, इंडी गठबंधन द्वारा संविधान बदलने के आरोपों पर भी बात की। पीएम मोदी ने कहा, एक राष्ट्र-एक चुनाव हमारी प्रतिबद्धता है। हमने संसद में भी इस पर बात की है। हमने एक समिति भी बनाई है और समिति की रिपोर्ट भी आ गई है। देश में कई लोग हमारे साथ आए हैं, कई लोगों ने समिति को अपने सुझाव दिए हैं। बहुत सकारात्मक और अभिनव सुझाव आए हैं। अगर हम इस रिपोर्ट को लागू कर पाएं तो देश को बहुत फायदा होगा।

इंडी गठबंधन के इस आरोप पर कि अगर एनडीए के पास 400 से ज्यादा सीटे आ गईं तो संविधान में बदलाव आएगा, इस पर पीएम ने जवाब दिया कि समस्या विपक्ष के साथ है। इंडी गठबंधन के नेता देश को एक ही ढांचे में ढालना चाहते हैं। पीएम बोले, हम विविधता की पूजा करते हैं, हम इसका गुणगान करते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे समझ नहीं आ रहा है कि कांग्रेस किस आधार पर उस व्यक्ति के खिलाफ ऐसे आरोप लगा रही है, जिसने संयुक्त राष्ट्र में तमिल भाषा, जो दुनिया की सबसे पुरानी भाषा है का गुणगान करता है।

जब मैं विभिन्न राज्यों की पोशाकें पहनता हूं तो उन्हें दिक्कत होती है। हमने कहा है, कोई अपनी मातृभाषा (स्थानीय भाषाओं में पाठ्यक्रम) का उपयोग करके डॉक्टर या इंजीनियर क्यों नहीं बन सकता? मैं मातृभाषा के बारे में बोलता हूं, इसका मतलब है कि मैं इसका महात्म्य बढ़ा रहा हूं। मैं हाल ही में युवा खिलाड़ियों से मिला। उनमें से एक ने मुझसे पूछा कि क्या मेरे पास उनके लिए कोई संदेश है तो मैंने उनसे कहा कि अब से आप जब भी अपने हस्ताक्षर करें तो अपनी मातृभाषा में करें। मैं विविधता लाने की कोशिश कर रहा हूं, अगर उन्हें आरोप लगाना है, तो मैं क्या कर सकता हूं।

विपक्ष के इस आरोप पर कि बीजेपी चुनाव आयोग समेत सभी सरकारी संस्थाओं पर नियंत्रण रखती है इस पर पीएम ने कहा कि एक कहावत है- नाच न जाने आंगन टेढ़ा। पीएम बोले, चुनाव में हार के लिए उन्होंने अभी से कुछ तर्क गढ़ने शुरू कर दिए हैं। इसलिए कभी-कभी वे ईवीएम का बहाना बनाते हैं। विपक्षी पार्टियों के ईडी और सीबीआई के दुरुपयोग के आरोपों को खारिज करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा है कि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज किए गए मामलों की अधिकतम संख्या उन व्यक्तियों और संस्थाओं के खिलाफ है, जिनका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा कि विपक्ष के कितने नेता जेल में हैं, मुझे इस बारे में कोई नहीं बताता है।

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