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Ajit Pawar vs Sharad Pawar : ‘BJP में 75 साल की उम्र वाले नेता रिटायर हो जाते हैं लेकिन यहां’..अजित पवार का चाचा पर जोरदार तंज

ajit pawar and sharad pawar

नई दिल्ली। अजित पवार की बगावत के बाद लड़ाई अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के दरवाजे तक पहुंच गई है क्योंकि शरद पवार और अजित पवार दोनों गुट पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह पर अपना दावा कर रहे हैं। दोनों समूहों ने अपने दावे पेश करते हुए चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया है। इस बीच दोनों गुटों का शक्ति प्रदर्शन लगातार चल रहा है।

अजित पवार- 

Update-

अजित पवार ने शरद पवार पर व्यंग्यात्मक टिप्पणी करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में 75 साल की उम्र वाले नेता भी रिटायर हो जाते हैं, लेकिन कुछ लोग इस बात को समझ नहीं पाते हैं। 2 मई को शरद पवार ने इस्तीफा दे दिया था और तय हो गया था कि सुप्रिया सुले पार्टी अध्यक्ष बनेंगी। हमने इसे स्वीकार कर लिया, लेकिन फिर, अप्रत्याशित रूप से, उन्होंने अपना इस्तीफा वापस ले लिया। इन हालिया घटनाक्रमों से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के भीतर राजनीतिक गतिशीलता में बदलाव आया है, जिससे नेतृत्व परिवर्तन और पार्टी की भविष्य की दिशा पर सवाल उठने लगे हैं।

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अजित पवार ने कार्यकर्ताओं और मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि , “2017 में भी हमारी वर्षा बंगले पर मीटिंग हुई थी। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं छगन भुजबल, जयंत पटेल के आदेश पर मैं और कई अन्य लोग वहां गये थे। वहां बीजेपी के कई नेता भी थे। हमारे बीच कैबिनेट पोर्टफोलियो आवंटन और संरक्षक मंत्रियों के पदों पर चर्चा हुई। लेकिन बाद में हमारी पार्टी ने कदम पीछे खींच लिए।”

पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं की सभा को संबोधित करते हुए अजित पवार ने कहा कि आज देश के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। उन्होंने शरद पवार के प्रति गहरा सम्मान व्यक्त करते हुए कहा कि वह अपनी वर्तमान स्थिति और उपलब्धियों का श्रेय इस अनुभवी नेता को देते हैं। अजित पवार ने शरद पवार के योगदान के प्रति अत्यंत प्रशंसा और श्रद्धा व्यक्त की और उन्हें अपनी यात्रा के पीछे प्रेरक शक्ति के रूप में स्वीकार किया।

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अजित पवार ने बैठक बुलाई है और विधायक और समर्थक बैठक के लिए पहुंचने लगे हैं. उधर, शरद पवार ने दोपहर 1 बजे वाई.बी. में बैठक बुलाई. नरीमन प्वाइंट पर चव्हाण केंद्र, जहां विधायकों, सांसदों, जिला से तालुका स्तर तक के अधिकारियों और सभी इकाइयों के पार्टी कार्यकर्ताओं को आमंत्रित किया गया था। वहीं इस पूरे मामले पर छगन भुजबल जो कि अजित पवार गुटके एनसीपी नेता हैं उन्होंने दावा किया है कि 40 से अधिक विधायक और MLC उनके साथ हैं। उन्होंने शपथ लेने से पहले पूरी मेहनत की है। उन्होंने शपथ ऐसे ही नहीं ली।

खबर तो ये भी है कि NCP चीफ शरद पवार की बैठक में सात विधायक पहुंच चुके हैं, इतना ही नहीं एनसीपी दफ्तर के बाहर बड़ी संख्या में समर्थक भी जुटने लगे हैं। स्थिति तनावपूर्ण है क्योंकि दोनों गुट अपने-अपने रुख पर जोर दे रहे हैं और पार्टी के भीतर अपना समर्थन मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं।

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एनसीपी के भीतर चल रहे सत्ता संघर्ष ने काफी ध्यान आकर्षित किया है और राजनीतिक जानकार घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रहे हैं। इस आंतरिक खींचतान के नतीजे का पार्टी की भविष्य की दिशा और राजनीतिक परिदृश्य में उसकी भूमिका पर दूरगामी प्रभाव डाल सकते हैं।

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