News Room Post

Geeta Press Award: गीता प्रेस को लेकर छिड़ा सियासी संग्राम, कांग्रेस के हमले के बाद आया अमित शाह का बयान, जानिए क्या कहा ?

amit shah 123

नई दिल्ली। गोरखपुर में स्थापित गीता प्रेस को गाँधी शांति पुरस्कार 2021 दिए जाने की घोषणा के बाद से ही लगातार सियासी बवाल छिड़ा हुआ है। कांग्रेस और बीजेपी के बीच इसको लेकर वाक्युद्ध की शुरुआत हो गई है। लगातार इस मुद्दे को लेकर छिड़े विवाद के बीच एक और बड़ी प्रतिक्रिया सामने आई है। दरअसल, अब इस पूरे मामले पर गृहमंत्री अमित शाह ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। जिसके बाद सियासी माहौल के एक बार फिर गर्म होने की पूरी संभावना है।

अमित शाह ने ट्वीट करके जयराम रमेश को जवाब देते हुए लिखा, “भारत की गौरवशाली प्राचीन सनातन संस्कृति और आधार ग्रंथों को अगर आज सुलभता से पढ़ा जा सकता है तो इसमें गीता प्रेस का अतुलनीय योगदान है।” इसके साथ ही गृहमंत्री अमित शाह ने आगे अपने ट्वीट में ये भी लिखा कि, “100 वर्षों से अधिक समय से गीता प्रेस रामचरित मानस से लेकर श्रीमद्भगवद्गीता जैसे कई पवित्र ग्रंथों को नि:स्वार्थ भाव से जन-जन तक पहुँचाने का अद्भुत कार्य कर रही है।”

आपको बता दें कि इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने ट्वीट करके इस पुरस्कार को गीत प्रेस को दिए जाने को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा। जयराम रमेश ने सरकार के इस फैसले की आलोचना करते हुए लिखा, “2021 के लिए गांधी शांति पुरस्कार गोरखपुर में गीता प्रेस को प्रदान किया गया है जो इस वर्ष अपनी शताब्दी मना रहा है। अक्षय मुकुल द्वारा इस संगठन की 2015 की एक बहुत ही बेहतरीन जीवनी है जिसमें वह महात्मा के साथ इसके खराब संबंधों और उनके राजनीतिक, धार्मिक और सामाजिक एजेंडे पर उनके साथ चल रही लड़ाइयों का पता लगाता है। यह फैसला वास्तव में एक उपहास है और सावरकर और गोडसे को पुरस्कार देने जैसा है।”



Exit mobile version