नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के एक बयान पर तंज कसते हुए उन्हें पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम से ट्यूशन लेने की नसीहत दे डाली। असल में देश के बैंकों ने 50 बड़े विलफुल डिफाल्टर्स का 68,607 करोड़ रुपए का कर्ज बट्टे खाते में डाल दिया है। इसको लेकर कांग्रेस मोदी सरकार पर हमलावर है।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज कांग्रेस के आरोपों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम से ट्यूशन लेना चाहिए। प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, ‘मैं राहुल गांधी की इस आरोप को सिरे से खारिज करता हूं कि मोदी सरकार ने 65,000 करोड़ रुपये माफ कर दिए हैं। एक भी पैसा माफ नहीं किया गया है। कर्ज को बट्टे खाते में डालने का मतलब माफ करना नहीं होता है। राहुल को चिदंबरम से कर्ज माफी और कर्ज को बट्टे खाते में डालने में अंतर समझने के लिए ट्यूशन लेना चाहिए।’
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, ‘कर्ज को बट्टे खाते में डालना जमाकर्ताओं को बैंक की सही तस्वीरें दिखाने की प्रक्रिया है। यह बैंकों को कार्रवाई करने और वसूली करने से नहीं रोकता है। हमने देखा है कि कैसे नीरव मोदी की संपत्ति जब्त और नीलाम की गई। माल्या के पास कोई विकल्प नहीं बचा है। हाईकोर्ट ने उनकी अपील को खारिज कर दिया है।’
Writing off is process to show depositors correct pictures of bank. It doesn’t stop banks from taking actions&pursuing recovery. We’ve seen how Nirav Modi’s assets are seized&auctioned. Mallya left with no choice but to come back as his appeal in HC has been rejected: P Javadekar https://t.co/Cu3mNP7g8q
— ANI (@ANI) April 29, 2020
इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर हमला बोला और कहा कि इस बात पर उन्हें आत्मचिंतन करने की जरूरत है कि वह अपने कार्यकाल में सिस्टम की सफाई का काम क्यों नहीं कर पाए।