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Rahul Gandhi: राहुल गांधी का सियासत से मोह टूटा, पहले बताया था जहर, अब बोले- ”इसमें कुछ नहीं रखा है”

नई दिल्ली। राहुल गांधी आज कल यानी 9 अप्रैल को दलितों पर लिखी एक किताब का विमोचन किया, जो बाबा अम्बेडर के दृष्टिकोण से दलितों के संघर्ष और लड़ाई के बारे में बताती है। ये एक निबंध संग्रह है, जो पूर्व आइएएस ऑफिसर के.राजू द्वारा संशोधित है। इस किताब का विमोचन कांग्रेस पार्टी के राहुल गांधी द्वारा शनिवार को दिल्ली स्थित जवाहर भवन में किया गया। इस दौरान उन्होंने अपनी कमी को स्वीकारा। चुनावों में पार्टी को लगातार मिल रही हार के बाद उन्होने स्वीकार किया कि उन्हें राजनीति में रूचि नहीं है। इस दौरान राहुल काफी निराश दिखे। उन्होंने कहा कि ‘मैं सत्ता के बीच में पैदा हुआ… पर एक अजीब बीमारी है, मुझे उसमें (सत्ता में) कोई दिलचस्पी ही नहीं है। आज देश में ऐसे नेता भरे पड़े हैं जो दिन रात सिर्फ सत्ता कैसे मिले ये सोचते रहते हैं।’ उन्होंने आगे कहा कि, ”मैंने सत्ता के बीच में पैदा हुआ लेकिन मुझे इसमें कोई दिलचस्पी नहीं है।”

उन्होंने आगे कहा कि ”मैं अपने देश को एक प्रेमी की तरह प्यार करता हूं और  रोज उसे समझने की कोशिश करता हूं। इसके अलावा उन्होंने सरकार पर भी हमला करते हुए कहा कि ”कमजोर हो रही देश की संवैधानिक संस्थाओं को मजबूत करने की जरूरत है। अगर हमारे संस्थान कमजोर हुए तो देश भी कमजोर हो जाएगा।” बता दें, राहुल ने पहले भी अपनी राजनीति को लेकर कहा था कि, ”एक बार मेरी मां ने कहा था कि राजनीति एक जहर है।”

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