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ASEAN देशों की बैठक में राजनाथ सिंह ने किया ड्रैगन को ‘बेनकाब’, बिना नाम लिए ऐसे साधा निशाना…

Rajnath Singh ASEAN

नई दिल्ली। आसियान (ASEAN) देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक (एडीएमएम-प्लस) में भारत (India) ने सीमा(LAC) पर जारी तनाव के बीच चीन (China) का नाम लिए बिना उसपर निशाना साधा है। बता दें कि इस वर्चुअल मंच को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने चीन को लेकर एक बार फिर दुनिया के समक्ष ड्रैगन का असली चेहरा उजागर करने का प्रयास किया। चीन की तरफ से उत्पन्न होने वाले खतरों और कार्रवाई का मुद्दा उठाते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि, ‘नियम-आधारित आदेश, समुद्री सुरक्षा, साइबर संबंधी अपराधों और आतंकवाद का खतरा, हमें एक मंच के रूप में इन सभी चुनौतियों का सामना करना होगा।’ ADMM-PLUS बैठक की 10वीं वर्षगांठ के अवसर पर कहा देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि, ‘हमें मौलिक आजादी का ध्यान सभी क्षेत्रों में लोगों की रखना होगा और उनसे जुड़ी चुनौतियों को समझना होग। सभी क्षेत्रों में शांति, स्थिरता और नियमों पर आधारित देश का आधार बनने के लिए हमारी प्रतिबद्धता ही विश्व का भविष्य निर्धारित करेगी।’

आपको बता दें कि भारत और चीन के रक्षा मंत्री इससे पहले सितंबर में मास्को में मिले थे। इस मुलाकात का मकसद सीमा पर जारी विवाद का शांतिपूर्ण हल निकालना था। तब से लेकर, अब तक दोनों देशों के बीच कई बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन नतीजा ना निकलने के कारण तनाव अब भी बरकरार है। वहीं बिना चीन का नाम लिए राजनाथ सिंह ने कहा, ‘जैसा कि हम आपसी विश्वास और बढ़ा रहे हैं और गतिविधियों के आगे बढ़ाने के लिए आत्म-संयम बरत रहे हैं और उन कार्यों को करने से बचते हैं, जो स्थिति को और कठिन कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि, ‘ये कुछ ऐसे उपाय हैं, जिनकी मदद से क्षेत्र में निरंतर शांति स्थापित की जा सकती है। हालांकि, इसके लिए हमें इस रास्ते पर काफी आगे जाना है।’ रक्षामंत्री ने कहा कि पिछले एक दशक में सामूहिक उपलब्धि, रणनीतिक संवाद और व्यावहारिक सहयोग के माध्यम से बहुपक्षीय सहयोग को आगे बढ़ाने में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। एडीएमएम इस क्षेत्र में शांति, स्थिरता और नियम-आधारित आदेश का आधार बनने के लिए अच्छा काम कर रहा है और हम उसकी सराहना करते हैं।

वहीं कोरोना महामारी को लेकर राजनाथ सिंह ने कहा कि, कोरोना वायरस के लिए देशों की सीमाएं मायने नहीं रखतीं। यह महामारी देश की सीमा देखकर अपना प्रसार नहीं करती। लिहाजा महामारी से निपटने के लिए हमें सामूहिक तौर पर कदम उठाने होंगे और एक-दूसरे का सहयोग करना होगा।

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