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कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर चल रहे संकट पर संजय राउत के बोल- राहुल ही एकमात्र विकल्प

नई दिल्ली। कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर चल रहे संकट पर आलाकमान ने डैमेज कंट्रोल करना तो शुरू ही कर दिया है लेकिन साथ ही सहयोगी दलों की तरफ से भी अब बचाव करने वाले बयान सामने आ रहे हैं। बता दें कि महाराष्ट्र सरकार सहयोगी दल कांग्रेस और शिवसेना अब एक साथ कांग्रेस के नेतृत्व संकट पर अपने बयान दे रहे हैंं।

कांग्रेस नेतृत्व संकट पर अब शिवसना ने भी कहा है कि, देश को एक मजबूत विपक्षी पार्टी की जरूरत और राहुल गांधी ही ऐसे अकेले नेता हैं, जिनको स’र्वसम्मति से स्वीकार्यता’ मिली हुई है। गुरुवार को संजय राउत ने राहुल गांधी को मजबूत बताते हुए कहा कि, कांग्रेस पार्टी को खुद में नई जान डालनी पड़ेगी।

गौरतलब है कि कांग्रेस और शिवेसना लंबे समय से एक दूसरे की प्रतिद्वंदी रही हैं, लेकिन पिछले साल दोनों पार्टियों ने नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी साथ मिलकर महाराष्ट्र में महाअघाड़ी की सरकार बनाई है। शिवसेना के सांसद संजय राउत ने कहा कि ‘देश को एक मजबूत विपक्ष की जरूरत है और कांग्रेस की पूरे देश में पहचान है। पार्टी को अंदरूनी परेशानियों से ऊपर उठकर काम करना होगा।’

उन्होंने कहा, ‘सोनिया गांधी की उम्र हो रही है और मैं प्रियंका गांधी को फुल टाइम पॉलिटिक्स में नहीं देखता हूं। पार्टी में बहुत से वरिष्ठ नेता हैं, जिनकी वजह से राहुल गांधी काम नहीं कर पाते हैं। मैं कांग्रेस में अध्यक्ष के तौर पर एक गैर-गांधी अध्यक्ष नहीं देख पा रहा हूं।’

बता दें कि इसके पहले शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में कहा गया था कि 23 नेताओं की ओर से ‘फुल टाइम’ अध्यक्ष की मांग करते हुए लिखी गई चिट्ठी ‘राहुल गांधी के नेतृत्व को खत्म करने की साजिश है।’ संपादकीय में सवाल उठाए गए कि ये नेता तब कहां थे, जब बीजेपी राहुल गांधी पर अपमानजनक हमले कर रही थी और जब राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया, तब इन नेताओं ने पार्टी को रिवाइव करने की जिम्मेदारी क्यों नहीं ली?

संपादकीय में लिखा गया, ‘जब पार्टी के अंदर से ही राहुल गांधी को खत्म करने की साजिश होगी, तब तो पार्टी में ‘पानीपत’ (हार) ही होगा…इन पुराने नेताओं ने राहुल गांधी को अंदर से ही ऐसा नुकसान पहुंचाया जैसा बीजेपी ने भी नहीं किया होगा।’

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