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Crisis In NCP: शरद पवार और भतीजे अजित में अब एनसीपी पर कब्जे के लिए कानूनी जंग की तैयारी, चुनाव आयोग में दी दस्तक

sharad ajit ec

नई दिल्ली। महाराष्ट्र में एनसीपी में मची जंग अब दिल्ली पहुंच गई है। शरद पवार और अजित पवार के खेमों ने चुनाव आयोग में कैविएट दाखिल किया है। यानी उनका पक्ष सुने बगैर चुनाव आयोग किसी भी एक पक्ष के बारे में फैसला नहीं ले सकता। इससे साफ है कि शरद पवार और अजित के बीच सुलह-सफाई की हालत फिलहाल नहीं है। दोनों ही पक्ष अब एनसीपी पर कब्जा बनाए रखने के लिए कानूनी दांव-पेच में जुट गए हैं। आज अजित पवार और शरद पवार कैंप की अहम बैठक है। इसके बाद गुरुवार को शरद पवार ने एनसीपी कार्यकारिणी की दिल्ली में बैठक रखी है।

शरद पवार और अजित पवार का खेमा अपने समर्थक विधायकों और अन्य पदाधिकारियों के साथ कार्यकर्ताओं से भी हलफनामों पर दस्तखत करा रहे हैं। इन हलफनामों को दोनों ही पक्षों की तरफ से चुनाव आयोग में दिए जाने की तैयारी है। इसके बाद चुनाव आयोग ये देखेगा कि एनसीपी पर कब्जे का किसका दावा सही है। चुनाव आयोग हलफनामा देने वाले नेताओं को एक-एक कर बुला भी सकता है और जान सकता है कि किसी दबाव में तो उन्होंने हलफनामा नहीं दिया। कुल मिलाकर एनसीपी पर कब्जे की अजित पवार और शरद पवार की कोशिश अगर आगे चलकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच जाए, तो हैरानी नहीं होनी चाहिए।

अजित पवार दावा कर रहे हैं कि उनके साथ 40 विधायक हैं। आज दोपहर 11.45 बजे तक 20 एनसीपी विधायकों ने अजित पवार को हलफनामे भी दिए हैं। अब बाकी 20-25 विधायकों का इंतजार है। इस बीच, खबर ये भी है कि अजित खेमे से दो विधायक शरद पवार की तरफ लौट चुके हैं। ऐसे में समर्थन का आंकड़ा बहुत अहम हो गया है। फिलहाल का माहौल देखकर लगता है कि शाम तक ये साफ हो सकेगा कि कितने विधायक अजित पवार और कितने उनके चाचा शरद पवार के साथ हैं।

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