News Room Post

इंदौर में स्वास्थ्यकर्मियों पर हुआ हमला तो सख्त हुए CM शिवराज, ट्वीट करके दिया ऐसा संकेत

Shivraj Singh Angry

नई दिल्ली। कोरोना जैसी महामारी में मरीजों का इलाज कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों से इंदौर में हुई बदसलूकी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। सोशल मीडिया पर इस कृत्य को लेकर काफी निंदा की जा रही है। लोग ऐसे लोगों को सबक सिखाने की बात कर रहे हैं। इस घटना पर अब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है।

आपको बता दें कि सीएम शिवराज ने आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई का भरोसा जताया है और कहा है कि इस घटना में शामिल किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने अपने एक ट्वीट में लिखा है कि, “कोविड-19 के खिलाफ युद्ध लड़ने वाले मेरे सभी डॉक्टरों, नर्सों, पैरामेडिकल स्टाफ, एएनएम, आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और नगरीय निकाय कर्मचारी, आप कोरोना के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखें, आपकी सम्पूर्ण सुरक्षा की जिम्मेदारी मेरी है। मैं आपकी कर्तव्यनिष्ठा को प्रणाम करता हूं।”

उन्होंने दूसरे ट्वीट में कहा, ‘इंदौर में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना में शामिल अराजक तत्वों को किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ा जाएगा। पीड़ित मानवता को बचाने के आपके कार्य में कोई भी बाधा डालेगा तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।

एक और ट्वीट में सीएम शिवराज ने दोषियों पर अपने इरादे साफ करते हुए लिखा कि, ‘ये सिर्फ एक ट्वीट नहीं है। ये कड़ी चेतावनी है। मानवाधिकार सिर्फ मानवों के लिए होते हैं।’ शिवराज सिंह का संकेत साफ है कि वो दोषियों को छोड़ने वाले नही हैं।

इससे पहले मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन ने सीएम को एक पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने कहा था कि बुधवार को स्वास्थ्य कर्मियों के साथ हुई घटना से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के भीतर भय का माहौल पैदा हो रहा है। इस तरह की घटनाएं पिछले दो दिनों में हुई हैं। इसलिए स्वास्थ्य विभाग की सभी अधिकारी और कर्मचारी आपसे सुरक्षा की मांग करते हैं।

आपको बता दें कि मध्य प्रदेश के इंदौर में कोरोनावायरस के मद्देनजर एक बुजुर्ग महिला की स्क्रीनिंग करने गए स्वास्थ्य कर्मियों की टीम पर पत्थर बरसाए गए और उन्हें दौड़ा-दौड़ा कर मारा गया। घटना इंदौर के टाट पट्टी बाखल इलाके की है, जहां स्वास्थ्य कर्मियों पर पथराव किया गया।

दरअसल बुधवार को इंदौर के टाट पट्टी बाखल इलाके में कोरोनावायरस से संदिग्ध एक बुजुर्ग महिला का मेडिकल चेकअप करने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों की टीम, जिसमें डॉक्टर, नर्स और आशा कार्यकर्ता शामिल थे, लाने आई थी, जिसका वहां के लोगों ने विरोध किया और लोगों ने पथराव कर दिया। उन्होंने लाठी-डंडों से उनका पीछा किया और फिर किसी तरह स्वास्थ्यकर्मियों की टीम जान बचाते भागी।

Exit mobile version