नई दिल्ली। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा अपनी हिंदूवादी छवि को लेकर बेहद तेजी से बीजेपी के लोकप्रिय नेता के रूप में उभर रहे हैं। बीते दिनों असम में धर्मांतरण को लेकर सख्ती के चलते वो चर्चाओं में रहे तो अब बहुविवाह प्रथा पर रोक लगाने की बात कहकर वो देश में चर्चाएं बटोर रहे हैं। गौर करने वाली बात ये है कि वो समान नागरिक संहिता को लेकर भी मुखर हैं। मंगलवार को सीएम हिमंत बिस्वा ने बहुविवाह प्रथा पर जोरदार हमला बोला। इसके साथ ही हिमंत बिस्वा ने कहा, ‘हम समान नागरिक संहिता (UCC) से नहीं गुजर रहे हैं। लेकिन, हम एक राज्य अधिनियम के तहत ‘बहुविवाह’ पर प्रतिबंध लगाना चाहते हैं। असम सरकार ने इस बात की जांच के लिए एक विशेषज्ञ समिति बनाने का निर्णय लिया है। ताकि, पता चल सके कि प्रदेश सरकार के पास इस प्रथा पर रोक लगाने का अधिकार है भी या नहीं ?
I plan to ban polygamy in Assam. We will create an expert committee to scrutinize the provision of the Muslim Personal Law (Shariat) Act, 1937, along with Article 25 in relation to the Directive Principle of State Policy for a Uniform Civil Code : HCM Dr @himantabiswa pic.twitter.com/o9tNQ7cPDu
— Chief Minister Assam (@CMOfficeAssam) May 9, 2023
जानकारी के लिए आपको बता दें कि पूर्वोत्तर राज्य असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने आगे इस प्रथा पर चोट करते हुए कहा, ‘ हमारे राज्य की सरकार राज्य में बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने के लिए विचार कर रही है। इसके साथ ही हिमंत बिस्वा सरमा ने आगे बताया, समिति कानूनी विशेषज्ञों सहित सभी हितधारकों के साथ व्यापक रूप से चर्चा करने वाली है। इसके साथ ही हिमंत बिस्वा सरमा ने मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीयत) अधिनियम, 1937 के प्रावधानों की भी जांच किए जाने की बात कही। हिमंत बिस्वा शरीयत को लेकर अक्सर बयान देते रहते हैं। इस बार भी शरीयत कानून के प्रावधानों को लेकर उन्होंने जोरदार हमलावर होते हुए तमाम बातें कहीं, हिमंत ने आगे कहा, हम जिस समिति को गठित करने पर विचार कर रहे हैं वो भारतीय संविधान के अनुच्छेद-25 के साथ मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड अधिनियम 1937 के प्रावधानों के तहत यूनिफार्म सिविल कोड के लिए DPSP (राज्य के नीति निदेशक सिद्धांत) के बारे में रिसर्च करेगी।
The Assam Government has decided to form an expert committee to examine whether the state Legislature is empowered to prohibit polygamy in the state. The committee will examine the provisions of The Muslim Personal Law (Shariat) Act, 1937 read with Article 25 of the Constitution…
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) May 9, 2023
भारत के संविधान के अनुच्छेद- 25 के साथ मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीयत) अधिनियम, 1937 के प्रावधानों समिति एक फैसले पर पहुंचने के लिए कानूनी विशेषज्ञों सहित सभी हितधारकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श करेगी।’ बता दें कि हाल ही में एक रैली के दौरान राज्य में समान नागरिक संहिता को लागू करना पुरुषों की चार शादियां करने तथा महिलाओं को ‘बच्चा पैदा करने वाली मशीन’ बनाने की व्यवस्था को समाप्त करने को लेकर हिमंत बिस्वा ने तमाम टिप्पणियां की।