नई दिल्ली। जौहर ट्रस्ट से जुड़े एक मामले में सपा नेता आजम खान को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने रामपुर में मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट को सरकारी जमीन का पट्टा रद्द करने के उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। शीर्ष अदालत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने यूपी के पूर्व मंत्री आजम खान को फटकार लगाते हुए कहा कि रिकॉर्ड बता रहे हैं कि मंत्री पद का गलत इस्तेमाल किया गया। शीर्ष अदालत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने लीज डीड को रद्द करने के आदेश को चुनौती देने वाली जौहर ट्रस्ट की याचिका को खारिज कर दिया।
जौहर ट्रस्ट ने 18 मार्च, 2024 को दिए गए इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। हाईकोर्ट ने भी 31 मार्च, 2023 को लिए गए यूपी सरकार के फैसले के खिलाफ जौहर ट्रस्ट की याचिका खारिज कर दी थी। सीजेआई ने कहा कि मामले के तथ्य स्पष्ट रूप से कार्यालय के दुरुपयोग को उजागर करते हैं और जब तथ्य इतने स्पष्ट हैं, तो उचित नोटिस से इनकार करना कोई बड़ा उल्लंघन नहीं हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट बेंच ने इस बात पर चिंता जताई कि पट्टे की व्यवस्था शुरू में सरकारी संस्थान के लिए थी, फिर भी इसे प्राइवेट ट्रस्ट को सौंप दिया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने सवाल पूछा कि सरकारी संस्थान के लिए तय पट्टे को क्या निजी ट्रस्ट को सौंपा जा सकता है अगर हां तो इसके लिए क्या प्रक्रिया है? आपको बता दें कि आजम खान पर डूंगरपुर मामला समेत कई अन्य केस फिलहाल अदालत में लंबित हैं। आजम अभी यूपी की सीतापुर जेल में बंद हैं। आजम का बेटा अब्दुल्ला आजम भी दो पासपोर्ट मामले में जेल में है। हालांकि उनकी पत्नी तंजीम फातिमा इसी साल मई में जेल से जमानत पर रिहा हुई हैं।