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Mohan Bhagwat: ‘समाज के वर्गों में बिखराव से मिशनरी कराते हैं धर्मांतरण’, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने दी एकता की नसीहत

Mohan Bhagwat

बुरहानपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के चीफ मोहन भागवत ने समाज में सभी वर्गों को साथ लेकर चलने की नसीहत दी है। उन्होंने कहा कि जब लोगों को लगता है कि समाज उनका साथ नहीं दे रहा, तो वे मिशनरियों की तरफ मुड़ते हैं और ऐसे में धर्मांतरण होता है। मोहन भागवत ने रविवार को बुरहानपुर में गोविंदनाथ महाराज की समाधि पर श्रद्धांजलि के बाद एक कार्यक्रम में धर्मांतरण पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि हम अपने लोगों से बात नहीं करते, उनको नहीं देखते। इसका फायदा हजारों मील दूर से भारत आए मिशनरी उठाते हैं। वे समाज से परित्यक्त लोगों को भोजन देते हैं, उनकी भाषा बोलते हैं और फिर धर्मांतरण कराते हैं।

मिशनरियों और धर्मांतरण पर निशाना साधते हुए मोहन भागवत ने कहा कि बीते 100 साल में वे लोग भारत में सबकुछ बदलने के लिए आए हैं। वे सदियों से हमारे यहां काम कर रहे हैं। हालांकि, हमारे पूर्वजों की कोशिशों की वजह से उनको ज्यादा कुछ हासिल नहीं हो सका है। मोहन भागवत ने कहा कि पूर्वजों ने हमारी जड़ों को मजबूत रखा। इन जड़ों को उखाड़ने की कोशिश आए दिन होती है। समाज को इस छल को समझने की जरूरत है। भरोसे को हमें मजबूत करना होगा। भागवत ने कहा कि धोखेबाजी करने वाले हमारे भरोसे को चोट पहुंचाने के लिए धर्म के बारे में सवाल करते हैं। हमारे समाज के लोगों ने कभी इनका सामना नहीं किया होता है। ऐसे में उनको शंका होती है।

2022 मेें मोहन भागवत ने दिल्ली में इमाम काउंसिल के अध्यक्ष से भी मुलाकात की थी।

मोहन भागवत पिछले काफी समय से सक्रिय हैं। वो हिंदू एकता की बात करते रहते हैं। यहां तक कि वो भारत में हिंदू और मुसलमानों के बीच प्रेम और सद्भाव के लिए भी कोशिश करते रहे हैं। मोहन भागवत ने तमाम मुस्लिम धर्मगुरुओं से भी पिछले साल मुलाकात की थी। वो दिल्ली के एक मदरसे में जाकर बच्चों से उनकी पढ़ाई के बारे में मिले भी थे।

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