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Maharashtra: ‘उधर पुतिन तो इधर मोदी को भी जाना होगा’, मुखपत्र सामना में विपक्षी मीटिंग की वेग्नर ग्रुप से की गई तुलना

Maharashtra: उद्धव ठाकरे की शिवसेना के मुखपत्र सामना में कहा गया, "भारतीय जनता पार्टी ने अपनी सत्ता को कायम रखने के लिए कई बिकाऊ लोगों को अपने इर्द-गिर्द रक्षक बनाकर खड़ा करने का काम किया है। कल यही लोग सबसे पहले मोदी-शाह की पीठ पर वार करेंगे और सड़क पर उतर कर विरोध करेंगे। पुतिन के मामले में यही हुआ. यह अब पुतिन के खिलाफ बगावत से साफ हो गया है।

shivsena saamana

नई दिल्ली। एक तरफ रूस में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के विरोध में वेग्नर ग्रुप के विद्रोह के बाद जैसे तैसे मामला शांत हो गया, लेकिन इसकी तुलना अब भारत में भी मोदी सरकार के विरोध में खड़े विपक्ष से की जा रही है। उद्धव ठाकरे की शिवसेना के मुखपत्र सामना में पीएम मोदी और भारतीय जनता पार्टी के ऊपर जोरदार निशाना साधा गया है। सामना में मोदी सरकार पर हमलावर अंदाज में लिखा गया है कि पुतिन की भांति अब मोदी को भी सत्ता से बेदखल होना होगा। पटना में वेग्नर ग्रुप की मीटिंग में ये बात तय हो चुकी है। इसके साथ सामना के संपादकीय में भी गृहमंत्री शाह पर उनके उस बयान को लेकर निशाना साधा गया है जिसमें उन्होंने विपक्षी मीटिंग को एक फोटो सेशन से ज्यादा कुछ नहीं बताया था।

मुखपत्र सामना में उनके इस बयान को आड़े हाथों लेते हुए लिखा गया है, ”आज व्लादिमीर पुतिन के देश में उनके साथ आज क्या क्या-क्या हो रहा है ? रूस की तानाशाही सरकार ने अपनी ही सुविधा के लिए जिस वेग्नर ग्रुप को तैयार किया था आज वही उनके विरुद्ध हथियार लेकर खड़े हो गए हैं। रूस में पिछले कई वर्षों के दौरान जो चुनाव कराए गए वो छलावा, धोका थे। पुतिन के लोग गड़बड़ी के सहारे चुनावों में जीत दर्ज कर लेते हैं। इसी के सहारे एक लंबे समय से वो रूस की संसद पर कब्ज़ा करके बैठे हैं। हिंदुस्तान में भी ये सब कुछ ही चल रहा है, लोगों में मन मस्तिष्क में लगातार क्रांति की भावना का संचार हो रहा है।”

इसके साथ ही उद्धव ठाकरे की शिवसेना के मुखपत्र सामना में कहा गया, “भारतीय जनता पार्टी ने अपनी सत्ता को कायम रखने के लिए कई बिकाऊ लोगों को अपने इर्द-गिर्द रक्षक बनाकर खड़ा करने का काम किया है। कल यही लोग सबसे पहले मोदी-शाह की पीठ पर वार करेंगे और सड़क पर उतर कर विरोध करेंगे। पुतिन के मामले में यही हुआ. यह अब पुतिन के खिलाफ बगावत से साफ हो गया है। वैगनर ग्रुप की सशस्त्र सेना को रौंद डालेंगे, ऐसा ताव पुतिन ने दिखाया लेकिन उनसे हुआ नहीं। किसी भी तानाशाह के मन में ऐसी दहशत कभी न कभी निर्माण होती है। चाहे फिर वो रूस में पुतिन हों, या भारत में मोदी, विरोध का सामना एक दिन तो करना ही पड़ता है।”

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