News Room Post

Delhi: ज्ञानवापी मसले में कूदा मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, कहा- ये जुल्म तो यूजर्स ने लगाई जमकर फटकार

aimplb pic

नई दिल्ली। वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के मसले में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड AIMPLB भी कूद पड़ा है। उसने मस्जिद के सर्वे और वजूखाने को बंद करने के कोर्ट के आदेश को सांप्रदायिक नफरत पैदा करने की साजिश बताया है। बोर्ड के महासचिव मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने सोमवार देर रात जारी बयान में कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद ही रहेगी। उन्होंने 1937 के दीन मोहम्मद बनाम यूपी सरकार के मुकदमे का उदाहरण देते हुए कहा है कि कोर्ट ने कहा था कि पूरा अहाता ही मुस्लिम वक्फ का है। कोर्ट ने ये भी तय कर दिया था कि कितना हिस्सा मस्जिद और कितना मंदिर का है। रहमानी के मुताबिक तब वजूखाने को मस्जिद की संपत्ति माना गया था।

रहमानी ने प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट का भी हवाला दिया और कहा कि इस कानून के तहत 1947 में जो भी इबादतगाह जिसकी थी, उसी की मानी गई है। 2019 में बाबरी मस्जिद के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा था कि तमाम धर्मस्थल इस कानून के तहत आते हैं और ये संविधान की मूल भावना के मुताबिक है। उन्होंने कहा कि कानून की हिफाजत करने का तरीका ये था कि कोर्ट इस जगह मंदिर होने के दावे को खारिज कर देता, लेकिन ऐसा न करके वीडियोग्राफी का हुक्म जारी कर दिया गया। उनका ये भी कहना है कि वक्फ बोर्ड की अर्जी पर हाईकोर्ट में भी सुवाई जारी है। जबकि मस्जिद की इंतजामिया कमेटी सुप्रीम कोर्ट जा चुकी है। मौलाना ने ये भी कहा कि सरकार वाराणसी कोर्ट के आदेश पर अमल को रोके और धार्मिक स्थलों की हिफाजत करे। अगर काल्पनिक तर्कों के आधार पर धार्मिक स्थलों की स्थिति बदली जाती है, तो देश अफरातफरी का शिकार होगा। उन्होंने ये भी कहा कि तमाम बौद्ध और जैन मंदिरों की जगह मंदिर बनाए गए हैं। रहमानी ने कहा कि मुसलमान इस जुल्म को बर्दाश्त नहीं करेगा।

रहमानी का ये बयान सोशल मीडिया पर आते ही यूजर्स ने उनको निशाने पर ले लिया। लोगों ने क्या कहा, ये आप नीचे पढ़ सकते हैं…

Exit mobile version