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यूपी में CAA के खिलाफ प्रदर्शन करनेवालों की अब खैर नहीं, आया ये फैसला

अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम) कोर्ट ने बुधवार को मामले में सुनवाई करते हुए 20 दिसंबर को मुजफ्फरनगर में प्रदर्शन के दौरान 'सार्वजनिक संपत्ति को हुए व्यापक नुकसान' का हवाला देते हुए यह आदेश दिया। सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से सभी आरोपियों की पहचान कर ली गई है।

मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले की एक स्थानीय अदालत ने कहा है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ और आगजनी से हुए नुकसान की भरपाई के लिए 53 प्रदर्शनकारियों से 23.41 लाख रुपये वसूले जाएंगे। अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम) कोर्ट ने बुधवार को मामले में सुनवाई करते हुए 20 दिसंबर को मुजफ्फरनगर में प्रदर्शन के दौरान ‘सार्वजनिक संपत्ति को हुए व्यापक नुकसान’ का हवाला देते हुए यह आदेश दिया। सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से सभी आरोपियों की पहचान कर ली गई है।

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, “विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा कर रहे प्रदर्शनकारियों की सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से पहचान की गई। कुल 57 लोगों को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा गया है।”

उन्होंने आगे कहा, “बाद में इनमें से चार निर्दोष साबित हुए, हालांकि, 53 लोगों के जवाब संतोषजनक नहीं पाए गए।” अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (प्रथम) अमित सिंह ने कहा, “नुकसान की भरपाई के लिए हम अब उनके घरों पर नोटिस चस्पा करेंगे। नुकसान की भरपाई जल्द शुरू की जाएगी।”

कथित दंगाइयों को एडीएम की अदालत के समक्ष सात दिनों के भीतर बयान दर्ज करने के लिए कहा गया है। आरोपियों के एक वकील मुनव्वर हुसैन ने कहा, “मेरे मुवक्किल निर्दोष हैं और उनमें से अधिकांश बहुत गरीब हैं। हम इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे।”

वकील ने कहा, “आरोपियों में से एक राजू दिहाड़ी मजदूर है और परिवार के साथ किराए के घर में रहता है। वह जुमे की नमाज के बाद मस्जिद से लौट रहा था, तभी उसे सीसीटीवी फुटेज में देखा गया। उसका हिंसा के कोई लेना देना नहीं है, लेकिन फिर भी प्रशासन ने उसे नोटिस भेज दिया है।”

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