नई दिल्ली। पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर किसान आंदोलन के 200 दिन पूरे होने पर आज रेसलर विनेश फोगाट भी किसानों के समर्थन में विरोध स्थल पर पहुंचीं। इस दौरान विनेश ने सरकार से अनुरोध किया कि किसानों की बात को सुना जाए। उन्होंने कहा कि सरकार को इस मामले में बड़ा दिल दिखाना चाहिए, अगर लोग इस तरह सड़कों पर बैठे रहेंगे तो देश की प्रगति बाधित होगी। शंभू बॉर्डर पर पहुंचकर विनेश ने कहा कि किसानों को बैठे हुए 200 दिन हो गए हैं। यह देखकर दु:ख होता है। ये सभी इस देश के नागरिक हैं।
#WATCH | Wrestler Vinesh Phogat arrives at the farmers' protest site at Shambhu border, as the agitation completes 200 days.
She says, "It has been 200 days since they are sitting here. It is painful to see this. All of them are citizens of this country. Farmers run the… pic.twitter.com/MJo9XEqpko
— ANI (@ANI) August 31, 2024
विनेश ने कहा कि किसान देश चलाते हैं। उनके बिना कुछ भी संभव नहीं है, यहां तक कि हम खिलाड़ी भी नहीं क्यों किसानों के उगाए अन्न को ही हम सब खाते हैं। कई बार लाचारी महसूस होती है कि हम इतने बड़े स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व करते हैं, लेकिन हम अपने परिवार को दुखी देखकर भी उनके लिए कुछ नहीं कर पाते। मैं सरकार से आग्रह करता हूं कि उन्हें सुनना चाहिए। सरकार को अपने वादे पूरे करने चाहिए। विनेश ने कहा कि भले ही किसानों को यहां बैठे हुए 200 दिन हो गए हैं मगर उनका हौंसला ज्यों का त्यों है। किसानों का जोश देखकर ऐसा लगता है कि आज आंदोलन का पहला दिन है। किसानों को ही देखकर हमें भी अपने आंदोलन के लिए हौंसला मिला था।
#WATCH किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा, "…मैं शंभू मोर्चा के मंच से बोल रहा हूं। 200 दिन पूरे होने पर सभी तैयारियां चल रही हैं। लाखों किसान यहां और खनौरी व अन्य बॉर्डर पर जुटेंगे। हमें विनेश फोगाट का संदेश मिला है, वह भी यहां पहुंचेंगी, हम उनका सम्मान करेंगे…आज हम केंद्र… pic.twitter.com/cl03ScSZXr
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 31, 2024
इससे पहले आज सुबह ही किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने एक वीडियो के माध्यम से कहा था कि मैं शंभू मोर्चा के मंच से बोल रहा हूं। 200 दिन पूरे होने पर सभी तैयारियां चल रही हैं। लाखों किसान यहां और खनौरी व अन्य बॉर्डर पर जुटेंगे। केंद्र सरकार से हमारी मांग है कि यह रास्ता खोला जाए और हमें दिल्ली जाने दिया जाए, जहां हम शांतिपूर्वक एमएसपी की कानूनी गारंटी के साथ-साथ अन्य मांगें भी कर सकें।