नई दिल्ली। पूर्वोत्तर में आज एक बार फिर चुनावी रण जारी है। आज मेघालय और नगालैंड विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग हो रही है। दोनों राज्यों की कुल 118 सीटों के लिए वोट पड़ रहे हैं। मेघालय और नगालैंड में 550 से ज्यादा उम्मीदवार इन चुनावों में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। मेघालय और नगालैंड में 59-59 विधानसभा सीटों के लिए वोटिंग चल रही है। दोनों ही राज्यों में 2 मार्च को काउंटिंग होगी। उस दिन त्रिपुरा विधानसभा चुनाव की भी काउंटिंग है। त्रिपुरा में पहले ही मतदान कराया जा चुका है। बीजेपी के लिए इस बार मेघालय और नगालैंड के चुनाव बहुत अहम हैं। बात पहले मेघालय विधानसभा चुनाव की कर लेते हैं और यहां का हाल आपको बताते हैं।
मेघालय में साल 2018 में बीजेपी और नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) ने गठबंधन कर चुनाव लड़ा था, लेकिन इस बार यहां सभी पार्टियां अकेले दम पर चुनावी मैदान में हैं। यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीपी) प्रत्याशी के निधन के कारण एक सीट पर आज चुनाव नहीं हो रहा है। सभी सीटों पर बीजेपी ने उम्मीदवार उतारे हैं। एनपीपी 57 सीटों पर लड़ रही है। कांग्रेस भी सभी सीटों पर किस्मत आजमा रही है। जबकि, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने भी मेघालय में 58 जगह प्रत्याशी उतारे हैं।
पूर्वोत्तर के ही एक और अहम राज्य नगालैंड में भी वोटिंग है। यहां की अकुलुतो सीट से बीजेपी का प्रत्याशी निर्विरोध चुनाव जीत चुका है। नगालैंड में नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव अलायंस और बीजेपी का गठबंधन है। एनडीपीपी ने 40 और बीजेपी ने 20 सीट पर प्रत्याशी उतारे हैं। नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) ने 22 और कांग्रेस ने 23 सीट पर अपने प्रत्याशी खड़े किए हैं। नगालैंड में आज तक कोई महिला विधायक नहीं बनी। इस बार 4 महिलाएं मैदान में हैं। इनमें एनडीपीपी से दीमापुर-3 सीट की उम्मीदवार हेखनी जाखलू, तेनिंग सीट पर कांग्रेस से रोजी थॉम्पसन, अंगामी पश्चिम सीट से एनडीपीपी की सलहौतुओनुओ और अतोइजू सीट से बीजेपी की काहुली सेमा हैं। इनमें से एक प्रत्याशी भी अगर जीत जाती है, तो ये नगालैंड के लिए नया इतिहास होगा।