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AAP: इधर पंजाब और दिल्ली में पानी की किल्लत, उधर हिमाचल चुनाव की तैयारी में जुटे केजरीवाल-भगवंत मान

Kejriwal and Bhagwant Mann

नई दिल्ली। पंजाब में प्रचंड बहुमत के साथ आम आदमी पार्टी (AAP) ने सरकार बना ली। राज्य में पहली बार सत्ता परिवर्तन देखने को मिला। देश की सबसे पुरानी पार्टी को धूल चटाते हुए आम आदमी पार्टी ने सरकार बनाई है। वहीं चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी के मुखिया अरंविद केजरीवाल ने पंजाब की जनता से कई लोक लुभावने वादे भी किए थे। इतना ही नहीं केजरीवाल दिल्ली मॉडल तर्ज पर पंजाब में अपनाने की बात की थी। साथ ही उन्होंने जनता का दिल जीतने के लिए मुफ्त का लालच भी दिया। मगर सत्ता में काबिज होने के बाद भगवंत मान सरकार अपने वादे को नहीं निभाते दिख रही है। साथ ही आम जनता की मूलभूत जरूरत को भी पूरा नहीं कर रही है।

अब पंजाब के कई शहरों में पानी की किल्लत की खबर सामने आ रही है। संगरूर और धूरी के कई शहरों में पानी की समस्या बताई जा रही है। जिसके बाद गुस्साएं लोगों ने वाटर सप्लाई के नॉक्स व्यवस्था को लेकर नारे भी लगाए हैं। वहीं धूरी में भी पीने का पानी किल्लत को देखते हुए स्थानीय निवासियों ने विरोध प्रदर्शन किया। लेकिन ऐसा आलम महज पंजाब में नहीं है, बल्कि राजधानी दिल्ली का भी यही हाल है। दिल्ली में कई शहरों में पानी की कमी की बात सामने आई है। लेकिन दिल्ली में पानी की कमी की खबर पहली बार नहीं आई है। बीते कई सालों से पानी की किल्लत देखने को मिली है। लोग एक वक्त का पानी जुटाने के लिए लंबी-लंबी लाइनों में खड़े होते दिखाई देते हैं, तो कभी पानी भरने को लेकर मारामारी भी करते हैं। मगर दिल्ली की केजरीवाल सरकार जब से सत्ता पर विराजमान हुई तब से इस समस्या पर गंभीर रूप ध्यान देते नहीं नजर आई।

ऐसे में जब रोजमर्रा और जीवनयापन करने के लिए पानी कितना अहम हिस्सा है जिदंगी का। लेकिन आम आदमी पार्टी लोगों की इन सभी समस्याओं को भूलकर चुनाव की तैयारी में जुट गई। जी हां, पंजाब में जीत हासिल करने वाली आप सरकार अब अपना पूरा फोक्स हिमाचल प्रदेश और गुजरात की चुनाव में जुट गई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब सीएम भगवंत मान बुधवार को हिमाचल के मंडी में एक रोड शो के जरिए शक्ति प्रदर्शन करने जा रहे हैं। लेकिन सवाल ये उठता है कि दिल्ली और पंजाब की जिस जनता ने उन्हें चुनाव में जीत दिलवाई है अब आप सरकार उसकी जनता की मूलभूत जरूरतों को ध्यान नहीं दे रही है, बल्कि दोनों राज्यों के सीएम अब चुनाव जीतने की तैयारी में जुट गए हैं।

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