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Farmers Protest: बंगाल चुनाव के बीच टिकैत बोले-13 मार्च को जाऊंगा बंगाल, तो लोग बोले- एक बार यूपी में भी घूम आओ…

rakesh tikait

नई दिल्ली। केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन लगातार जारी है। दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने अपने 100 दिन पूरे कर लिए है। एक तरफ जहां किसानों का आंदोलन को लेकर राजनीति भी जोरों पर है। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल किसान आंदोलन को अपना समर्थन दे रहे है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर किसानों का मुद्दा उठाया है। उन्होंने किसानों के लिए केंद्र की मोदी सरकार से एमएसपी देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जीविका अधिकार है, उपकार नहीं। तो दूसरी तरफ भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) भी इस मुद्दे को लेकर सियासत करने से बाज नहीं आ रहे है। दरअसल पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों से पहले किसान नेता राकेश टिकैत राज्य में महापंचायत करने जा रहे है। वह 13 मार्च को पश्चिम बंगाल में रहेंगे।

राकेश टिकैत ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि, ’13 मार्च को पश्चिम बंगाल जाऊंगा, वहां बड़ी पंचायत है। वहां के किसानों से मिलेंगे और किसान आंदोलन और एमएसपी के बारे में बात करेंगे। कल महिला दिवस मनाएंगे, बॉर्डर पर कल पूरा संचालन महिलाएं करेंगी।’

वहीं बंगाल में चुनावी माहौल के बीच राकेश टिकैत का सूबे का दौरा करना लोगों को रास नहीं आया और ट्विटर पर लोगों ने उनकी जमकर खिंचाई कर डाली।

छात्रा के सवालों के बौछार में घिरे राकेश टिकैत, हुई बोलती बंद तो छीन लिया माइक

इससे पहले हरियाणाा के झज्‍जर जिले के पास ढांसा बॉर्डर पर चल रहे धरने में किसान नेता राकेश टिकैत पहुंचे थे। प्रदर्शनकारी किसानों को संबोधित करने पहुंचे राकेश टिकैत से एक छात्रा ने ऐसा प्रश्न पूछ लिया कि जिसके बाद हंगामा हो गया। इतना ही नहीं छात्रा के सवालों ने किसान नेता राकेश टिकैत की बोलती तक बंद कर दी। दरअसल छात्रा ने राकेश टिकैत से 26 जनवरी के दिन ट्रैक्‍टर परेड के दौरान दिल्‍ली में हुई हिंसा के बारे में सवाल पूछा लिया। इसके अलावा लड़की ने राकेश टिकैत से कृषि कानूनों से नुकसान के बारे में भी पूछा।

लड़की ने कहा कि मैं पूछना चाहती हूं कि दिल्‍ली में गणतंत्र दिवस के दिन जो हिंसा हुई उसके लिए कौन जिम्‍मेदार है। अगर प्रदर्शनकारी जिम्‍मेदार नहीं है, सरकार जिम्‍मेदार नहीं है तो कौन जिम्‍मेदार है। 26 जनवरी जैसी घटना में किसका हाथ था, हमें नहीं पता। लेकिन, हमारे समाज, हमारे मेल-मिलाप पर इसका क्या असर पड़ रहा है। यह देखा जाना चाहिए। मंच पर सवाल पूछने के दौरान हुए इस वाकया का वीडियो भी वायरल हो गया।

लड़की ने आगे कहा कि किसान नेता राकेश टिकैत ने ये तो बता दिया कि कृषि कानून से कितना नुकसान होगा। मगर ये कह रहे हैं कि जब तक सरकार मांगें नहीं मानती आंदोलन खत्‍म नहीं होगा। मैं पूछना चाहती हूं अगर किन्हीं परिस्थितियों में सरकार और किसानों के दोनों पक्ष में एक फीसद भी पीछे नहीं हटे तो फिर समाधान किस बात पर होगा। इसका जवाब सभी को चाहिए। धरने का समाधान मिलना चाहिए। ताकि, युवा और किसान किसी को भी परेशान ना हो।

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