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UP: चाचा शिवपाल यादव को लेकर पूछा गया सवाल तो भड़क उठे सपा प्रमुख अखिलेश यादव, कह दी ये बात

UP: साल 2017 में विधानसभा चुनाव से पहले सपा की साइकिल छोड़ अलग पार्टी (प्रगतिशील समाजवादी पार्टी) बनाने शिवपाल यादव को 2022 विधानसभा चुनाव से पहले सपा प्रमुख ने मना लिया था। बड़े भाई मुलायम सिंह यादव समझाने पर शिवपाल यादव नाराजगी छोड़ अखिलेश यादव के साथ आ गए थे लेकिन महज एक सीट मिलने पर उनकी नाराजगी दिखने लगी।

akhilesh yadav

नई दिल्ली। शिवपाल यादव और अखिलेश यादव के रिश्तों में पड़ी दरार किसी से छुपी नहीं है। थोड़े-थोड़े समय के अंतराल में दोनों की तरफ से कुछ ऐसे बयान सामने आ जाते हैं जो मुलायम सिंह यादव के कुनबे की दीवार में पड़ी दरार को और झलका देता है। इस वक्त सपा के टिकट पर जसवंत नगर सीट से विधायक बने शिवपाल यादव के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की खबरें काफी गर्म हैं। माना जा रहा है जल्द ही चाचा शिवपाल भतीजे अखिलेश को झटका देते हुए भाजपा का कमल थामें हुए नजर आ सकते हैं। हालांकि शिवपाल यादव की तरफ से इसे लेकर कोई खासा प्रतिक्रिया नहीं आई है। उन्होंने इस बातों को ये कहकर टाल दिया है कि वो उचित समय पर अगले कदम का खुलासा करेंगे। इधर पूरे मामले पर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की तरफ से चुप्पी बनाई गई है। अब आप सोच रहे होंगे कि अब इसमें नया क्या है ये खबरें तो काफी समय से उड़ रही है…तो जवाब जरा रुकिए…मामला कुछ यूं है कि एक बार फिर शिवपाल यादव और अखिलेश यादव के बीच रिश्तों में खटास देखने को मिली है।

दरअसल, हुआ कुछ यूं था कि गुरुवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव कन्नौज में थे। जहां पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने बीजेपी पर जमकर हमले किए और भगवा दल को लोकतंत्र का सीरियल किलर बताया। वहीं जब इस दौरान पत्रकारों ने उनसे शिवपाल यादव को लेकर सवाल किया गया तो उनकी नाराजगी सामने आ गई। अखिलेश यादव ने ये कह दिया कि उन बातों के लिए सवाल पूछकर आपको वक्त बर्बाद नहीं करना चाहिए।

आपको बता दें कि साल 2017 में विधानसभा चुनाव से पहले सपा की साइकिल छोड़ अलग पार्टी (प्रगतिशील समाजवादी पार्टी) बनाने शिवपाल यादव को 2022 विधानसभा चुनाव से पहले सपा प्रमुख ने मना लिया था। बड़े भाई मुलायम सिंह यादव समझाने पर शिवपाल यादव नाराजगी छोड़ अखिलेश यादव के साथ आ गए थे लेकिन महज एक सीट मिलने पर उनकी नाराजगी दिखने लगी। कहा ये भी गया कि शिवपाल यादव ने सपा संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी की मांग रखी थी जिसे अखिलेश ने ठुकरा दिया। वहीं, अब ताजा अटकलें उनकी भाजपा में शामिल होने की है। अब ऐसे में देखना ये दिलचस्प होगा कि वो क्या भारतीय जनता पार्टी का कमल खामे दिखेंगे या फिर अपनी ही पार्टी (प्रगतिशील समाजवादी पार्टी) को मजबूत करेंगे।

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