नई दिल्ली। जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई देश के अगले चीफ जस्टिस होंगे। मौजूदा सीजेआई संजीव खन्ना ने जस्टिस बीआर गवई को सुप्रीम कोर्ट का अगला चीफ जस्टिस बनाने की सिफारिश कानून मंत्रालय से की है। जस्टिस बीआर गवई 14 मई को सीजेआई पद की शपथ लेंगे। इससे एक दिन पहले मौजूदा सीजेआई संजीव खन्ना रिटायर होंगे। सुप्रीम कोर्ट की प्रथा के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने अपने रिटायरमेंट से एक महीने पहले जस्टिस गवई के नाम का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज दिया है। कानून मंत्रालय ने सीजेआई खन्ना से अगले चीफ जस्टिस के नाम का प्रस्ताव मांगा था।
14 मई को पद संभालने के बाद जस्टिस बीआर गवई छह महीने तक सीजेआई रहेंगे। वो नवंबर 2025 में रिटायर होंगे। जस्टिस केजी बालाकृष्णन के बाद वो देश के दूसरे दलित सीजेआई होंगे। जस्टिस बालाकृष्णन साल 2007 में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बने थे। जस्टिस बीआर गवई महाराष्ट्र के अमरावती से हैं। उन्होंने 1985 में वकील के तौर पर काम शुरू किया था। तब वो महाराष्ट्र के पूर्व एडवोकेट जनरल और बाद में महाराष्ट्र हाईकोर्ट के जज रहे बैरिस्टर राजा भोंसले के साथ काम करते थे। इसके बाद जस्टिस बीआर गवई ने स्वतंत्र रूप से वकालत की। वो बॉम्बे हाईकोर्ट में साल 1987 से 1990 तक वकालत करते रहे।
बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच में बीआर गवई ने मूल रूप से संवैधानिक और एडमिनिस्ट्रेटिव लॉ से संबंधित मामलों में वकालत की थी। उनको अगस्त 1992 में बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच में महाराष्ट्र सरकार का असिस्टेंट प्लीडर एंड असिस्टेंट पब्लिक प्रॉसिक्यूटर नियुक्त किया गया था। साल 2000 में बीआर गवई को नागपुर बेंच में प्लीडर और पब्लिक प्रॉसिक्यूटर बनाया गया। बीआर गवई साल 2003 में हाईकोर्ट के अतिरिक्त जज बने। जस्टिस गवई को साल 2005 में हाईकोर्ट में स्थायी जज बनाया गया। फिर वो 2019 में सुप्रीम कोर्ट आए और अब सीजेआई बनने जा रहे हैं।