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Justice Yashwant Verma : जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ क्यों नहीं हुई एफआईआर? संसदीय समिति की बैठक में उठा मामला

Justice Yashwant Verma : संसदीय समिति ने वीरस्वामी मामले की समीक्षा की बात कही। इसके अलावा संसदीय समिति की बैठक में जजों के लिए आचार संहिता बनाए जाने और रिटायरमेंट के बाद कोई सरकारी पद लेने के लिए कूलिंग ऑफ पीरियड के बारे में भी सुझाव दिया गया। बैठक में जजों की नियुक्ति के मामले को लेकर भी विचार विमर्श किया गया।

नई दिल्ली। जस्टिस यशवंत वर्मा के घर पर जले हुए नोट मिलने के मामले में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज क्यों नहीं हुई, यह मुद्दा आज संसदीय समिति की बैठक में उठा। बैठक में उपस्थित विधि मंत्रालय के सचिव से संसदीय समिति के सदस्यों ने तीखे सवाल किए। संसदीय समिति ने वीरस्वामी मामले की समीक्षा की बात कही। इसके अलावा संसदीय समिति की बैठक में जजों के लिए आचार संहिता बनाए जाने और रिटायरमेंट के बाद कोई सरकारी पद लेने के लिए कूलिंग ऑफ पीरियड के बारे में भी सुझाव दिया गया। आपको बता दें कि केंद्र सरकार जस्टिस वर्मा के खिलाफ संसद के मानूसन सत्र में महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रही है।

<blockquote class=”twitter-tweet”><p lang=”en” dir=”ltr”>The issue relating to Justice Yashwant Varma was raised at the Parliament standing committee meeting, and members asked why no FIR was filed. They said there was a suggestion for a review of the Veeraswami case. There was a suggestion concerning the Code of Conduct and a…</p>&mdash; ANI (@ANI) <a href=”https://twitter.com/ANI/status/1937442004692004976?ref_src=twsrc%5Etfw”>June 24, 2025</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>

बीजेपी के राज्यसभा सांसद बृजलाल इस संसदीय समिति के अध्यक्ष हैं। पूर्व कानून मंत्री पीपी चौधरी, कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा, टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी और सुखेंद्र शेखर राय, डीएमके सांसद ए राजा, पी विल्सन और भारत के पूर्व न्यायाधीश रंजन गोगोई इसके सदस्य हैं। आज की बैठक में जजों की नियुक्ति के मामले को लेकर भी विचार विमर्श किया गया। जस्टिस यशवंत वर्मा के दिल्ली स्थित सरकारी आवास में होली के अगले दिन आग लग गई थी। उस वक्त जस्टिस वर्मा दिल्ली हाईकोर्ट में तैनात थे। फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों को जस्टिस वर्मा के घर से बड़ी संख्या में जले हुए नोटों के बंडल मिले, तब यह मामला सुर्खियों में आया।

जस्टिस यशवंंत वर्मा के घर पर जले हुए नोट (फाइल फोटो)

इसके बाद जस्टिस वर्मा का तबादला इलाहाबाद हाईकोर्ट कर दिया गया। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने जस्टिस वर्मा के खिलाफ जांच तीन जजों की आंतरिक समिति को सौंपी थी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार समिति ने अपनी जांच में जस्टिस वर्मा को दोषी पाया। इसके बाद जस्टिस वर्मा से इस्तीफा देने को कहा गया मगर उन्होंने ऐसा नहीं किया। इसके बाद अब सरकार जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने जा रही है ताकि उनको पद से हटाया जा सके। जांच रिपोर्ट से हाल ही में यह खुलासा भी हुआ कि जले हुए नोटों को जस्टिस वर्मा के घर से हटाया गया था।

 

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