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Will Aam Admi Party Of Arvind Kejriwal Become Kingmaker In Haryana: हरियाणा में किंगमेकर बनेगी अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी?, जानिए पिछले चुनाव में दिखाया था कितना दम

नई दिल्ली। अरविंद केजरीवाल ने दावा किया है कि इस बार हरियाणा में आम आदमी पार्टी के बिना कोई सरकार नहीं बनेगी। आम आदमी पार्टी ने हरियाणा में 90 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। 2019 की तरह इस बार भी आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का कोई गठबंधन नहीं है। वहीं, मैदान में सत्तारूढ़ बीजेपी के अलावा आईएनएलडी, जेजेपी मुख्य तौर पर हैं। बीएसपी और आजाद समाज पार्टी भी हरियाणा का विधानसभा चुनाव लड़ रही हैं। ऐसे में देखते हैं कि हरियाणा के पिछले चुनाव में अरविंद केजरीवाल की आदम आदमी पार्टी ने कितना दम दिखाया था?

 

साल 2019 में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने हरियाणा की 46 विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। इनमें से एक भी जीत नहीं सका था। आम आदमी पार्टी का वोट शेयर नोटा को मिले 0.53 फीसदी से भी कम 0.48 फीसदी रहा था। हरियाणा विधानसभा के लिए 2019 में जो चुनाव हुआ था, उसमें 32 सीटों पर जीत और हार 10000 से भी कम वोट के अंतर से हुई थी। इनमें से 18 सीट पर आम आदमी पार्टी ने उम्मीदवार उतारे थे। इन 32 में से 6 आरक्षित सीटें हैं। 2019 के विधानसभा चुनाव में इन 32 सीटों पर जीत और हार की बात करें, तो सबसे कम 602 वोट से हरियाणा लोकहित पार्टी के गोपाल कांडा ने सिरसा में जीत हासिल की थी। अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को जीत के अंतर से ज्यादा वोट सिरसा में मिले थे। फरीदाबाद एनआईटी सीट को कांग्रेस ने 3242 वोट से जीता था। यहां भी आम आदमी पार्टी को जीत के अंतर बराबर वोट मिले थे। वहीं, फरीदाबाद की ही बादखल सीट पर आम आदमी पार्टी को जीत के अंतर से ज्यादा वोट मिले थे। इस सीट को बीजेपी ने 2545 वोट से जीता था।

अगर इन 32 सीटों पर अरविंद केजरीवाल की पार्टी को इस बार ज्यादा वोट मिले, तो वो कांग्रेस और बीजेपी के अलावा दूसरी पार्टियों के लिए मुश्किल खड़ी कर सकती है। हरियाणा विधानसभा के लिए 2019 के चुनाव में बीजेपी को 40 सीटें मिली थीं। वहीं, कांग्रेस को 31 और जेजेपी को 10 सीटें हासिल हुई थीं। हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग 5 अक्टूबर को होनी है। 8 अक्टूबर को चुनाव के नतीजे आएंगे। बीजेपी दावा कर रही है कि तीसरी बार भी वो हरियाणा में सरकार बनाएगी। वहीं, कांग्रेस का दावा है कि इस बार उसकी सरकार बनेगी।

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