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योगी सरकार इतने लाख श्रमिकों को देगी रोजगार, कल होगा उद्योग संगठनों के साथ एग्रीमेंट

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नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार लगातार इस काम को करने के प्रयास में है कि उनके राज्य में वापस लौटकर आए श्रमिकों को राज्य से बाहर काम करने के लिए नहीं जाना पड़े। कोरोना संकट के बीच भी लगातार योगी सरकार इसको लेकर योजना पर काम कर रही है। योगी सरकार का मानना है कि वह अब अपने श्रमिकों को राज्य में ही बेहतर काम की सुविधा मुहैया कराएगी ताकि उनके कामगारों को राज्य के बाहर जाकर काम करने की जरूरत ना पड़े।

इस संकट काल में 25 लाख से ज्यादा श्रमिक रेल, बसों या पैदल चलते हुए उत्तर प्रदेश पहुंचे हैं। मजदूरों की आमद को एक मौके के रूप में देख रही यूपी की योगी सरकार ने मजदूरों के लिए रोजगार की व्यवस्था शुरू कर दी है। अब सीएम योगी के प्रयास का नतीजा भी सामने आ रहा है। शुक्रवार को यूपी सरकार विभिन्न औद्योगिक संगठनों के साथ बड़े करार करने जा रही है। इसके तहत राज्य में आए मजदूरों के लिए 9.5 लाख रोजगारों की व्यवस्था की जाएगी।

उत्तर प्रदेश सरकार से प्राप्त जानकारी के अनुसार इंडियन इंड्रस्टीज एसोसियेशन, नरडेको (नेशनल रीयल इस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल), सीआईआई और यूपी सरकार के बीच कल 9.5 लाख कामगारों व श्रमिकों के लिए बड़ा करार होगा। बता दें कि इंडियन इंड्रस्टीज एसोसियेशन व सीआईआई, एमएसएमई ईकाइयों का समूह है वहीं नरडेको रीयल इस्टेट संस्थानों का समूह है।

सीएम योगी ने पहले ही राज्य के अधिकारियों से मजदूरों की स्किल मैपिंग करने के आदेश दे दिए थे। सीएम योगी की इस स्किल मैपिंग की मुहिम को कामयाबी भी मिली है। इंडियन इंट्रस्टीज एसोसियेशन ने 5 लाख श्रमिकों की मांग की है। वहीं नरडेको ने 2.5 लाख श्रमिक मांगे हैं। दूसरी ओर सीआईआई ने 2 लाख कामगार व श्रमिकों की मांग की है।

यूपी सरकार के सर्वोच्च अधिकारियों की टीम- 11 की बैठक में सीएम योगी ने कामगारों व श्रमिकों को तेजी से रोजगार देने की योजना बनाई थी। सीएम योगी ने हर हाथ को काम, हर घर में रोजगार मिशन शुरू किया है। इसके तहत स्किल़्ड मैनपावर और इकाईयों में इनकी जरूरत का साफ्टवेयर तैयार हो रहा है। साफ्टवेयर के जरिए स्किल मैपिंग का काम तेजी से हो पाएगा। एक साथ स्किल्ड मैनपावर मिलने से भी उधोगों को भी फायदा होगा।

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