नई दिल्ली। कोरोना महामारी जैसे संकट में जहां दुनिया भर के देश अपने नागरिकों को राहत पहुंचाने में जुटे हुए हैं। वहीं इस मुश्किल घड़ी में भी पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। इस क्रम में अब भारत सरकार पाकिस्तान की इन नापाक हरकतों का जवाब देने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रही है। जिसके बाद इमरान खान को मोदी सरकार हर बात माननी पड़ेगी। साफ है कि भारत सरकार अब पाकिस्तान को बख्शने के मूड में नहीं दिख रही है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि पाकिस्तान में बह रहीं ”अखंड भारत” की छह में से तीन नदियों का भारत के हिस्से का पानी वहां जाने से रोकने को लेकर केंद्र सरकार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश को यह पानी मिलेगा। नितिन गडकरी ने महाराष्ट्र के नागपुर से गुजरात भाजपा की जन संवाद डिजिटल रैली को संबोधित करते हुए ये बात कही।
गडकरी ने कहा, ” अखंड भारत में छह नदियां (जोकि भारत और पाकिस्तान दोनों देशों से गुजरती हैं) थीं। बंटवारे के मुताबिक, तीन नदियों का पानी पाकिस्तान के लिए आरक्षित था जबकि बाकी तीन नदियों के पानी का इस्तेमाल भारत को करना था। हमारे हिस्से का पानी भी पाकिस्तान में बह रहा है। ” उन्होंने कहा कि अब केंद्र सरकार भारत के हिस्से का पानी पाकिस्तान में जाने से रोकने के लिए काम कर रही है।
गडकरी ने कहा कि भारत शांति और अहिंसा में विश्वास करता है और वह विस्तारवादी बनकर मजबूत नहीं बनना चाहता। उन्होंने कहा, ‘… माओवादी समस्या पर लगभग जीत हासिल करना हो या पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से देश की रक्षा करना…सीमा के एक ओर चीन है तो दूसरी ओर पाकिस्तान। हम शांति चाहते हैं, हिंसा नहीं।’ नागपुर के सांसद ने मराठी उपन्यासकार शिवाजी सावंत के उपन्यास ‘मृत्युंजय’ का उल्लेख करते हुए कहा कि शांति और अहिंसा केवल ताकतवर ही स्थापित कर सकते हैं, कमजोर नहीं।