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1 नवंबर से अमेरिका में शुरू होगा कोरोना वैक्सीन का टीकाकरण, CDC ने दिया सभी तैयारियां करने का निर्देश

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नई दिल्ली। कोरोना से बेहाल हुए अमेरिका में अब ट्रंप प्रशासन ने सभी राज्‍यों व सरकारी विभागों को निर्देश दिए हैं, कि आगामी एक नवंबर से संभावित Covid-19 टीकाकरण की शुरुआत करने के लिए तैयारियां शुरू की जाय। बता दें कि अमेरिका में इसी साल 3 नवंबर को राष्‍ट्रपति पद के लिए वोटिंग होनी है। डलास स्थित थोक विक्रेता McKesson Corp ने सरकार के साथ एक समझौता किया है, जिसके तहत जबभी टीका उपलब्‍ध होगा तब उसने देश में वितरण केंद्रों की स्‍थापना के लिए मंजूरी देने की मांग की है।

टीका वितरण के लिए मंजूरी मिलने में लगने वाली देरी को ध्यान में रखते हुए सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (सीडीसी) के डायरेक्‍टर रॉबर्ट रेडफील्‍ड ने 27 अगस्‍त को लिखे अपने पत्र में इसको लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा है कि कोविड-19 टीका वितरण केंद्रों के लिए मंजूरी हासिल करने में लगने वाला समय बहुत अधिक होता है इसलिए सरकार से अनुरोध है कि वह इस आवश्‍यक सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य कार्यक्रम की सफलता के लिए सभी रुकावटों को शीघ्र ही दूर करे।

सीडीसी ने वितरण केंद्रों की शीघ्र मंजूरी के लिए सरकार से मदद मांगी है। रेडफील्‍ड ने सरकार ने उन आवश्‍यकताओं को खत्‍म करने की मांग की है, जो इन वितरण केंद्रों को 1 नवंबर, 2020 से पूरी तरह संचालित होने की राह में बाधा खड़ी कर रही हैं।

सीडीसी ने सरकार को टीकाकरण योजना की पूरी विस्‍तृत रिपोर्ट सौंप दी है। इसमें कहा गया है कि या तो इसे लाइसेंस्‍ड टीके के रूप में या इमरजेंसी यूज ऑथोराइजेशन के तहत मंजूरी दी जा सकती है। टीके को लेकर बनाई गई योजना के मुताबिक लोगों को पहला डोज देने के कुछ हफ्तों बाद संभवत: दूसरे बूस्‍टर डोज की आवश्‍यकता भी होगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार दवा कंपनियों से कोविड-19 टीका खरीदेगी और इन्‍हें मुफ्त में उपलब्‍ध कराएगी।

न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स की रिपोर्ट के मुताबिक सबसे पहले यह टीका फ्रंटलाइन वर्कर्स, नेशनल सिक्‍यूरिटी ऑफ‍िसर्स और वरिष्‍ठ नागरिकों और कमजोर वर्ग के लोगों को लगाया जाएगा। अमेरिका में कोरोना वायरस वैक्सीन बनाने की रेस में तीन कंपनियां आगे चल रही हैं। इन कंपनियों की वैक्सीन क्लीनिकल ट्रायल के तीसरे चरण में हैं, जिनमें हजारों वॉलंटियर्स पर ट्रायल हो रहा है। पहली कंपनी एस्ट्राजेनेका है, जो इंग्लैंड की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ पार्टनर्शिप में वैक्सीन बना रही है। दूसरी कंपनी मॉडर्ना है, जो अमेरिकी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के साथ वैक्सीन डेवलप कर रही है और तीसरी कंपनी फाइजर है। हालांकि, जिस तरह से अब तक के ट्रायल के परिणाम सामने आए हैं, इससे यह अंदाजा लगाना मुश्किल है कि तीसरे चरण के ट्रायल के परिणाम कब तक आएंगे।

यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्‍ट्रेशन ने कहा है कि ट्रायल खत्‍म होने से पहले ही टीके को इमरजेंसी मंजूरी देने की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। अमेरिका में कोरोना वायरस से संक्रमित होने वाले लोगों की संख्‍या 60 लाख है और यहां अबतक इस महामारी से 185,000 लोगों की जान जा चुकी है।

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