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शोध से चला पता एक बार संक्रमण से उबरने के दोबारा संक्रमित मरीजों से नहीं फैल रहा है कोरोना

corona mask

नई दिल्ली। बीते 3 महीनों में कोरोनावायरस ने दुनिया में अपना दायरा बेहद तेजी से बढ़ाया है। दुनिया आज इस महामारी से कराह रही है। वैज्ञानिक कोरोनावायरस का इलाज ढूंढने के प्रयास में दिनरात जुटे हुए हैं। मगर अबतक कोई संतोषजनक परिणाम सामने नहीं आया है। कुछ लोग जो कोरोनावायरस से ठीक भी हुए थे वो अब इलाज के बाद फिर से संक्रमित होने लगे हैं। ऐसे कई देश है जहां से इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं। इनमें दक्षिण कोरिया भी शामिल है। यहां हुए एक शोध से पता चला है कि इस दौर में वायरस से संक्रमित मरीजों से संक्रमण का प्रसार नहीं हो रहा है।

क्या पाया गया है शोध में

शोधकर्ताओं को इस बात के प्रमाण मिले हैं कि जिन मरीजों को कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद फिर से पॉजिटिव पाया गया था, वे संक्रमण का प्रसार करने में सक्षम नहीं हैं। हो सकता है कि उनके शरीर में ऐसी एंटीबॉडी बन गई हों जो उन्हें फिर से बीमार करने से रोक रही हों।

कहां हुआ यह शोध

कोरिया के सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के शोध में यह पाया गया है। इस शोध में 285 कोविड-19 मरीजों का अध्ययन किया गया था। ये मरीज पहले कोरोना पॉजिटव पाए जाने के बाद ठीक हो गए थे और फिर उनका टेस्ट नेगेटिव आया था।लेकिन बाद में वे टेस्ट में फिर पॉजिटिव पाए गए थे।

कैसे पता चला यह

अध्ययन में यह पाया गया है कि दोबारा संक्रमित होने के बाद उससे संक्रमण का प्रसार नहीं हो रहा है।  उनसे लिए गए नमूने में वायरसों की संख्या बढ़ती नहीं दिखी। इससे जाहिर हुआ कि इन मरीजों से असंक्रमित लोगों में वायरस नहीं फैल रहा है।

लॉकडाउन खुलने जा रहे क्षेत्रों के लिए अच्छी खबर

अध्ययन में पाया गया कि जिन क्षेत्रों को खोलने की तैयारी चल रही है, उनके लिए यह बहुत अच्छा संकेत है। क्योंकि ज्यादा से ज्यादा मरीज कोरोना से ठीक हो रहे हैं। सोमवार को जारी हुई रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण कोरिया में इनकी संख्या लगभग 48 लाख है।

तो ठीक होने के बाद नहीं होगा संक्रमण का खतरा

शोध में साफ तौर पर यह पाया गया है कि जो कोविड-19 मरीज कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके हैं उनसे वायरस के प्रसार का कोई जोखिम नहीं है। ऐसा तब भी है जब सोशल डिस्टेंसिंग की पाबंदी हटा ली जाए। इन नतीजों से साफ है कि एक बार कोरोना मरीज स्वस्थ हो जाए तो उससे संक्रमण का खतरा नहीं होगा।

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