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Chabahar Port Agreement : भारत-ईरान के बीच चाबहार पोर्ट को लेकर हुई डील, चीन और पाकिस्तान में मची खलबली

नई दिल्ली। भारत और ईरान के बीच आज चाबहार पोर्ट को लेकर एक करार हुआ। इस समझौते के तहत चाबहार में शाहिद बेहिश्ती पोर्ट टर्मिनल के संचालन की 10 साल की जिम्मेदारी भारत को मिल गई है। इस करार के साथ ही विदेश में भारत सरकार द्वारा संभाला जाने वाला चाबहार पहला बंदरगाह बन गया है। भारत और ईरान के बीच हुई इस डील के बाद पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान में खलबली मच गई है।

चाबहार पोर्ट से भारत के लिए एक नया समुद्री रास्ता खुलेगा। इससे भारत अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे में ईरान, अफगानिस्तान, आर्मेनिया, अजरबैजान, रूस, मध्य एशिया और यूरोप के साथ आसानी से व्यापार कर सकेगा। भारत की पाकिस्तान को दरकिनार करते हुए अफगानिस्तान और मध्य एशिया तक सीधी पहुंच स्थापित हो जाएगी। इससे भारत का व्यापार ना सिर्फ सस्ता, बल्कि आसान भी बनाएगा। इससे भारत को पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह के साथ-साथ चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव को भी काउंटर करने में मदद मिलेगी। इस समझौते के संबंध में जानकारी देते हुए भारत के केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने बताया कि पीएम मोदी के नेतृत्व में, 23 मई, 2016 को शुरू हुआ महत्वपूर्ण समझौता आज एक दीर्घकालिक अनुबंध का रूप ले रहा है, जो भारत और ईरान के बीच स्थायी विश्वास और साझेदारी का प्रतीक है।

भारत और ईरान के बीच चाबहार पोर्ट को लेकर 2003 से काम शुरू हुआ था। ईरान के राष्ट्रपति मोहम्मद खातमी जब भारत आए तो दोनों देशों के बीच इसे समझौते को लेकर बातचीत हुई थी। भारत ने चाबहार पोर्ट के विकास के लिए 10 करोड़ डॉलर की मदद देने की बात की थी। इसके बाद 2016 में पीएम मोदी ने चाबहार का दौरा किया और भारत, ईरान और अफगानिस्तान ने एक इंटरनेशनल ट्रेड कॉरिडोर के विकास के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।

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